Friday, November 13, 2020

ग्रेजुएटर (GRADUATOR) GR कार्य

 



    ग्रेज़ुएटर
                     ग्रेज़ुएटर में 70-80 लीटर तेल डालते हैं।         


 

यह HTC-2 में SMGR के बगल में लगा हुआ है , जो लोको में      TAB चेंजिंग के काम आता है। Graduator में 70-80 लीटर तेल रहता है।  यह वृताकार होता है। इसके अन्दर दो सरकुलर रेल बने हाते है आऊटर रेल Odd नॉच तथा इनर रेल Even नॉच के लिए रहता है। दोनो रेल के बीच में एक GR Shaft लगा रहता है जिससे एक कॉन्टेक्ट आर्म जुड़ा रहता है। दोनो रेल के पास कई कॉन्टेक्ट सेगमेंट बने होते है जिसका संबन्ध आटो transformer के विभिन्न टैप्स से रहता है कॉन्टेक्ट आर्म के चलने पर कॉन्टेक्ट सेगमेंट से बिजली की सप्लाई कॉन्टेक्ट रोलर की सहायता से सर्कुलर रेल में चली जाती है और फिर CGR 1+2+3 के द्वारा यही सप्लाई टी0एफ०पी० प्राइमरी में पहुँच जाती है। जी0आर0 के अन्दर transformer tank की तरह तापरोधी एवं कुचालक तेल भरा होता है। जिसका सरकुलेशन जी0आर० आयल पम्प (PHGR) द्धारा होता है। साधारणतः PHGR 6-32 नॉच पर कार्य करता है। परन्तु कुछ लोको में यह 0 नॉच से ही कार्य करता है। PHGR को हवा की सप्लाई (2.5-3.5 Kg/Cm२) EVPHGR इलेक्ट्रो वाल्व के energise होने से मिलती है ।
GR के अन्दर की गर्म हवा को निकालने के लिए ब्रीदर लगा हाता है।
वायुमंडलीय हवा को नमी रहित बनाने के लिए ब्रीदर में सिलिका जेल भरा रहता है। जी0आर0 आयल लेवल को देखने के लिए एक गेज-ग्लास लगा रहता है जिस पर -20 डिग्री से + 80 डिग्री तक निशान बना होता है। जी0आर0 आयल का लेवल 0 से +20 डिग्री सेल्शियस के बीच रहना चाहिए।

CGR-1,2 & 3- (Graduator contactor) CGR-1, CGR-2 और CGR-3 ये HTC-2 में ग्रेज़ुएटर के ऊपर आर्कच्यूट सहित लगे है। यह N-32 प्रकार का TAP चेंजर में कुल तीन की संख्या में है। NOTCH कम या ज्यादा करने के दौरान खुलते और बंद होते है। CGR-1 प्रत्येक विषम (ODD) नॉच पर बंद (CLOSED) होता हैं। CGR-3 और प्रत्येक सम (EVEN) नॉच पर बंद होता है।   CGR-2, RGR के आगे (through) CGR-3 से जुड़ा हुआ है। CGR-2 BETWEEN नॉच में बंद होता है। इसलिए TAP चेंजिंग के समय TFP की सप्लाई कभी भी नही बंद हो पाती हैं।  यह अबाधित रूप से मेन् ट्रांसफार्मर (TFWR) में आने वाली बिजली को ट्रैक्शन ट्रांसफार्मर की प्राइमरी बाइंडिंग TFP तक ले जाती है। 

RGR 

यह 1.61 ओम का टेम्पररी रेसिस्टेंस है, जो TAP चेंजिंग से वक्त प्रत्येक दो नॉच के बीच सर्विस में आता है। यह HTC-2 में CGR 1, 2 & 3 के पीछे लगा है। यदि ज्यादा देर तक इससे बिजली प्रवाहित किया जाएगा तो यह जल सकता है। इसलिए इसकी सुरक्षा के लिए रिले Q-44 में 0.6 सेकंड का टाइम लैग दिया गया है।

Sunday, November 8, 2020

AC 3 फेज़ लोको का विवरण

 ABB लोको का तकनीकी विवरण

तकनीकी विवरण    - WAP-5      WAP-7       WAG-7

सिरीज़ नम्बर.     -   30,000 से   30,201 से   31,000 से
सर्विस का प्रकार   -  पैसेंजर          पैसेंजर          मालगाड़ी

बोगी/एक्सल्  रचना  - BO-BO     CO-CO        CO-CO 

बैटरी वोल्टेज     -    110 वोल्ट    110 वोल्ट     110 वोल्ट  ट्रेक्शन मोटर /    -  1563 H.P.  1156 H.P.   1163 H.P.   हॉर्स पावर  

ट्रेक्शन मोटर की  -   04 Nos.      06 Nos.      06 Nos. संख्या  

ट्रेक्शन मोटर    -   FY-7059     FRA-6068    FRA-6068   मॉडल   

लोको स्पीड   -  160 KMPH    130/140    100 KMPH 

ट्रेक्शन पॉवर/   -  02 NO.          02 NO.         02 NO.      मेन् कन्वर्टर 

ऑक्सीलियरी  -  03 NO.         03NO.          03NO.        कन्वर्टर  

ट्रांसफॉर्मर क्षमता -7475 KVA    7475 KVA   6531 KVA  फ्रीक्वेंसी       -   44.55 Hrz.    44.55 Hrz.  44.55Hrz.  मेन् रिजर्वायर  -  3MR+1AR   2MR+1 AR   2MR+ 1AR की संख्या        कैटल गार्ड के पीछे  मशीन रुम में मशीन रूम में  B.C का प्रेशर- 5 Kg/Cm२  3.5 Kg/Cm२ 3.5 Kg/Cm२ लोको ब्रेक   - डिस्क टाइप       ट्रेड-ब्रेक टाइप    ट्रेड-ब्रेक टाइप  पार्किंग ब्रेक - व्हील नंबर       उपलब्ध नही      व्हील नंबर        उपलब्धता   -【1,4,5,8】  [हैंड-ब्रेक है]     [ 2,6,7,11]      लोको का भार -  78 टन         123 टन       123 टन                                               【WAG-9H का 135 टन】बैटरी टाइप -  निकल-कैडमियम-(निकल -कैडमियम)- निकल-  होटल लोड -    उपलब्ध    -    उपलब्ध   -   उपलब्ध नही  

होटल लोड-  होटल् लोड दो प्रकार की होती है। 

1. HOG - HEAD ON GENERATION -इसमें इंजन के द्वारा पूरे कोच में बिजली की सप्लाई दी जाती है।                       2. EOG - END OF GENERATION -इसमें 【 GEN. COACH 】 के द्वारा पूरे कोच में करंट की सप्लाई दी जाती हैं।

 


 




Wednesday, October 30, 2019

DJ (DISK JOINTER) और VCB की कार्यप्रणाली

 (1) Air Blast सर्किट ब्रेकर (ACB) or DJ.


 
  1. कार्यसिद्धान्त:-
    DJ एक servomotor द्वारा आपरेट होता है, जिसको RDJ से हवा मिलती है। DJ को बन्द करने के लिए servomotor के piston पर हवा दाहिनी तरफ से आती है और यह कार्य Electrovalve-> EFDJ के द्वारा होता है। DJ बन्द होते समय यह भी जरूरी है कि हवा पिस्टन के बॉयी तरफ से प्रवेश न हो अन्यथा DJ बन्द नही हो पायेगा अथवा DJ बन्द भी हो गया तो तुरन्त खुल जाएगा। यह कार्य Electrovalve. MTDJ के energise रहने पर ही सम्भव होता है।
    इसलिए EFDJ के साथ- साथ MTDJ को energise करना पड़ता है। DJ बन्द हो जाने के बाद पिस्टन के दाहिनी तरफ उपस्थित हवा एक्जॉस्ट पोर्ट के द्वारा बाहर निकल जाती है और EFDJ भी De-energise हो जाता है, किन्तु MTDJ, energise बना रहता है। DJ बन्द रहने पर दोनो contacts (H-1 एव H2) बन्द रहते हैं। जब BLDJ ऑफ किया जाता है तब MTDJ De-energise हो जाता है जिससे servomotor के piston पर हवा बॉयी तरफ से आ जाती है। इस कारण DJ खुल जाता है किन्तु DJ खुलते समय H-2 पहले खुलता है जो एक आग बुझाने वाले chamber में बन्द रहता है। इसके कुछ क्षण बाद H-1 खुल जाता ह₹हैं। H-1 के खुलने के बाद H-2 पुनः बन्द हो जाता है।

(2) Vacuum Circuit Breaker (VCB) का कार्य सिद्धांत -
  • VCB को बन्द करने के लिए BLRDJ switch को दबाना पड़ता है। इसस।MTDJ Electrovalve energise होकर हवा का प्रेशर रिले वाल्व में भेज देता है। रिले वाल्व आपरेट हो जाता है जिससे उसका exhaust port बन्द हो जाता है। ऐसी स्थिति में RS की हवा रिले वाल्व के माध्यम से VCB के Dual Piston के बीच चली जाती हैं इस कारण दोनो पिस्टन हेड, स्प्रिंग के टेन्शन के विरूद्व आपरेट होता है और Intrunptor के दोनो contacts बन्द हो जाते हैं तथा OHE की सप्लाई मेन टासफारमर में चली जाती है। Intrupptor क दोनो contacts (H-1एवं H-2) vacuum chamber के अन्दर बन्द होते हैं एवं खुलते हैं इस लिए इसमे DJ की तरह स्पार्क उत्पन्न नहीं होता साथ Air Blast न होने के कारण आवाज भी नहीं होती।
    **- MTDJ Electrovalve a डी-इनरज़ाइज़ होने पर पिस्टन के अन्दर का हवा रिले वाल्व के एक्जॉस्ट पोर्ट के द्वारा बाहर निकल जाती है जिससे पिस्टन में लगी स्प्रिंग इंटरूपप्टोर (Intrupptor) के दोनों कॉन्टैक्ट को खोल देती हैं। जिससे OHE की सप्लाई मैन ट्रांसफॉर्मर से समाप्त हो जाता हैं।
  • TFILM/QLM -
    यह क्यू०एल०एम० का करंट ट्रांसफॉर्मर है जो रूफ बुशिंग में सबसे ऊपर लगा रहता है।
    इसका कार्य सिद्धांत एक स्टेप अप ट्रांसफॉर्मर की तरह होता है। इसका ट्रांसफॉर्मेशन अनुपात 50:1 है। अर्थात मेन ट्रांसफार्मर के 450 Amp. के करेन्ट को 9 Amp. मे बदलकर रिले QLM को प्रदान करता है। जब मेन ट्रांसफॉर्मर में 450 Amp. से ज्यादा की धारा बहने लगती है। तब रिले QLM energise होकर डी0जे0 को खोल देता है। और मेन-ट्रान्सफार्मर की सुरक्षा करता है।

    HOM-
    लोको को ग्राऊण्डिंग करने के लिए जो उपकरण लगा है, वह HOM कहलाता है। HOM में एक हैण्डल होता है जिसे 90 डिग्री नीचे से ऊपर करने पर लोको के छत पर लगा हुआ एक अर्थिंग यंत्र  ऑपरेट होता है जिससे पैन्टो, रूफ बार तथा मेन ट्रांसफॉर्मर सभी अर्थ हो जाते है।

    मेन ट्रांसफॉर्मर
    लोको का मेन ट्रांसफॉर्मर एक ऑटो ट्रांसफॉर्मर है जिसमें एक ही बाइंडिंग होती है और 0 सहित कुल 33 टैप बने होते है। आटो ट्रांसफार्मर में प्राइमरी और सेकेन्डरी बाइंडिंग का काम एक ही winding करती है। इसमें कुल फेरो की संख्या 1040 होती है। प्रत्येक टैप पर फेरो की संख्या 30 होती है और सभी आपस में सीरीज में जडे होते है। किन्तु 80 टर्न अतिरिक्त भी लगे रहते है ताकि शार्ट सर्किट न होने पाए। मेन ट्रांसफॉर्मर को बिजली की सप्लाई पेन्टो रूफ बार एवं सर्किट ब्रेकर के माध्यम से प्राप्त होती है। आटो ट्रांसफार्मर के एनेरज़ाइज़  होने पर इन्डक्शन द्वारा TFWA को सप्लाई मिलती है। परन्तु TFP primary में सप्लाई तब जाती है जब टैप चेंजर को आपरेट करते हैं। इस प्रकार TFP प्राइमरी विभिन्न प्रकार के वोल्टेज पहुँचते है और इनडक्शन द्वारा यह सप्लाई TFP-1, आर TFP-2 सेकेन्डरी में चली जाती है।
    ट्रांसफॉर्मर टैंक के साथ कॉज़ेर्वेटर लगा होता है जिसकी सुरक्षा के लिए उपर एक सेफ्टी वाल्व लगा होता है। कन्जर्वेटर के साथ सिलिका जेल सहित ब्रीदर लगा है।
    जिससे TF-oil की Insulation अच्छे तरीक़े से maintain रहती है। सिलिका जेल का  सामान्य रङ्ग नीला रहता है। सफेद या गुलाबी होने पर यह कार्य करना बंद कर देती है। कंज़र्वेटर पर एक गेज ग्लास
    लगा होता है।

Wednesday, October 23, 2019

ICDJ में लोको पायलट के द्वारा की जाने वाली कार्यवाही

स्विच BLDJ ऑन करके BLRDJ को दबाने पर LSDJ लैंप की बत्ती नही बुझती है। अथार्त मेन सर्किट DJ क्लोज नही होता हैं। इसे ICDJ कहा जाता है।
लोको पायलट को निम्नलिखित कार्यवाही करना चाहिए।
1.सभी सेफ्टी रिले QLM, QRSI-1+2, QOA, QOP-1, QOP-2, QEMS,  QLA  की जांच करगें। यदि कोइ ट्रिप किया हुआ है तो निम्नलिखित की जांच करेंगे।
A. बैटरी वोल्टेज- 90-110 वोल्ट UBA मीटर में देखेंगे। इसका स्विच ZUBA कैब नंबर-2 मे है। यदि वोल्टेज नही है तो फ्यूज ADD. CCBA की जांच करेंगे।
यदि बैटरी वोल्टेज सही है तो
2. पेंटोग्राफ उठा होना चाहिये और OHE से सटा हुआ होना चाहिए, यदि उठा नही है तो - निम्नलिखित की जॉच करेगे।
3. RS/PR का प्रेसर 6.5Kg/cm२ से ऊपर होना देखेगे।
   PR गेज- जहाँ पर B.P, F.P, MR गेज लगा है वहाँ पर ही PR गेज लगा है।
   RS गेज - कैब-1 में मिडिल लॉकर में या कॉरिडोर में CPA।के पास  लगा रहता है।
 यदि RS/RP का प्रेसर ठीक है तो
4. स्विच - BLDJ, BLRDJ, BP१DJ, BP२DJ, ZPT को दो तीन बार ऑपरेट करेंगे।
5. रिले Q-118 की जॉच करेगे यह रिले इनरजाइज़ होना चाहिये।
    Q-118 की जॉच- HBA को 1 पोजीशन पर रखेगे और स्विच BLDJ को ऑन करके, BP२DJ को दबाकर देखेंगे।
* यदि रिले Q-118 इनरजाइज़ नही है तो यह देखेंगे कि काँटेक्टर C-118, C-105,  C-106, C-107 NCI में हो, GR-0 पर होना चाहिए।
यदि ऐसा नही है तो
 6. रिले Q-45 का इनरजाइज़ होना सुनिश्चित करेंगे। इसकी जॉच के लिए  स्विच BLDJ  ऑन करके BP२DJ को दबाकर कर देखेगें की इनरजाइज़ है कि नही। यदि रिले Q-45 इनरजाइज़ नही है तो   निम्नलिखित कार्यवाही करेगे।
 A.  फ्यूज CCBA की जांच करेंगे।
 B.  BP१DJ, BP२DJ, BLDJ, BLRDJ और ZPT को दो तीन बार ऑपरेट करेगे।
 C. GR '0' से '1' और वापस '1' से '0' तक मैन्युअल करेगे।
 D. कैब को बदलकर कर देखेंगे।
 E. रिले Q-45 को मैनुअली इनरजाइज़ करके DJ बंद करेंगे, इसे 4 सेकंड में छोड़ देंगे।
7. रिले Q-44 इनरजाइज़ होना चाहिये। Q-44 इनरजाइज़ होने की जॉच करेगे।
 रिले Q-44 की जॉच :- स्विच BLDJ ऑन करके BP२DJ दबाकर देखेंगे कि रिले Q-44 इनरजाइज़ है की नही।
 नोट- रिले Q-44 को हाथ से छूना मना है। BP२DJ , स्विच BLRDJ का विकल्प है।
 यदि Q-44 इनरजाइज़ नही है तो
 GR का मैन्युअल '0' से '10' और  '10' से '0' पर करेगे।  तब भी रिले Q-44 इनरजाइज़ नही हुआ है तो
8. काँटेक्टर C-118 की जॉच करेगें। इसके लिए स्विच BLDJ ऑन     करके BP२DJ दबाकर देखेंगे। जो कैब-2 पिछे HTC पैनल में है।
 यदि काँटेक्टर C-118 बंद नही हो रहा है तो निम्नलिखित कार्यवाही    करेगें।
 A. रिले Q-45 के प्लंजर को ऑपरेट करेंगे।
 B. रिले QCVAR के इंटरलॉक को साफ करेगें।
 C. पेंटोग्राफ को गिराकर HBA को '0' (ऑफ) करके C-118 प्लंजर को दो तीन बार चलायेंगे।
9. स्विच HQOP-1 और HQOP-2 को ऑफ करके DJ बंद करने का प्रयास करेंगे।
10. कैब को बदलकर देखेंगे।
11. अब भी सफलता नही मिले तो कंट्रोलर से रिलीफ इंजन की माँग करेगे।
12. पेंटोग्राफ को गिराकर HBA को '0' पर करके सभी MR/RS प्रेसर पूरा ड्रेन करके पुनः नए सिरे से प्रयास करें।

नोट:- बैटरी वोल्टेज की जांच करेंगे। 90-110 वोल्ट होना चाहिये।
 

Tuesday, October 22, 2019

इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव में लगे रिले का विवरण

सेफ्टी रिले
PROTECTION/SAFETY RELAYS

इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव के रिले पैनल  



Q-30 :- यह एक Low volt एव No volt relay है। यह एक protection relay के रूप में कार्य करता है। इसकी मुख्य कार्य Arno convertor और Auxiliary motors को low voltage की स्थिति में जलने से बचाना होता है। जब तक लोको Energise रहता है यह रिले Energise बना रहता है क्योंकि यह Energise रहकर Q-44 रिले को Energise रखता है। यह रिले पैनल पर लगा रहता है।

(ii). Q20:- यह Traction Motor का Over Voltage Protection relay है। यह एक voltage relay है। जब traction motor को एक निश्चित सीमा से अधिक वोल्टेज दिया जाता है तब यह रिले energise होकर notch regress करा देता है। कछ लोको में LSOV (Lamp signal over volt) की लाल बती भी जलने लगती है और Son Buzzer भी बजने लगता है। यह HTC-2 के B.A- 3.पैनल में लगा रहता है।

(iii). QD:- इसे Current Differential Relay कहा जाता है। लोको में दो QD रिले लगे हुए हैं।
QD-1 एवं QD-2
QD-1 ट्रेक्शन मोटर -2 एवं ट्रेक्शन मोटर-3 के बीच होता है जबकि QD-2 ट्रेक्शन मोटर-4 एवं ट्रेक्शन मोटर-5 के बीच लगा हुआ है I रिले QD-1 HTC-1(B.A-1) में तथा QD-2 HTC-2 में लगा हुआ है। जब किसी कारण से इन दोनो ट्रेक्शन मोटर के बीच 125Amp/150 Amp. Current का अन्तर हो जाता है तब QD-1 या QD-2 energise होकर रिले Q-48 को Energise कर देता है। जिससे अपने आप Notch Regress होने लगता है। साथ में LSP की बती भी जलती है। ऐसा लोको के चक्कों के स्लिप करने पर होता है। रिले QD-1 और QD-2 जब इनरज़ाइज़ होती है तो यह Q-48 को इनरजाइज़ करती है। रिले Q-48 तीन कार्य करने लगती है। 1.LSP लैम्प को जलायेगी। 2. रिले Q-51 के द्वारा नॉच घटाएगी। 3. 5 सेकंड तक सेन्डर के द्वारा बालू  गिरायेगी।
(iv).OCVAR :- यह एक voltage relay है। इसके दो भाग होते हैं 1. OCVAR - AC और 2. QCVAR -DC
आर्नो कन्वर्टर के सही कार्य करने पर पहले QCVAR - AC energise हो जाता है फिर OCVAR - AC की सहायता से QCVAR - DC भी energise होकर LSCHR लैंप को बुझाती है। इसका मुख्य कार्य Arno convertor के काम की जाँच करना होता है। यदि किसी कारण से आर्नो convertor काम करना बंद कर दे तो यह de-energise होकर मैन सर्किट ब्रेकर DJ को trip करा देती है। यह रिले पैनल पर लगा होता है। QCVAR - AC एवं QCVAR - DC दोनों एक साथ लगे रहते हैं। बॉयीं तरफ QCVAR - DC जबकि दायीं तरफ QCVAR - AC रहता है।

(v).QOP-1:- यह power circuit के ब्लॉक नं. 1 का earth fault relay है। जब किसी कारण से power circuit क ब्लाक न. 1 में earth फॉल्ट की घटना होती है तब यह रिले energise होकर DJ trip करा देता है। यह एक safety रिले के रूप में भी कार्य करता है। ऐसी अवस्था में इस रीले में एक red target गिर जाता है। इस रिले को Bypass करने के लिए एक knife switch HQOP-1 लगा हुआ है। इसके दो पोजीशन होते हैं - On & Off। जब तक यह ऑन पोजीशन में रहता है तब तक यह रिले service में रहता है किन्तु knife switch को ऑफ पोजीशन में रख देने से यह रिले काम से अलग अर्थात् Bypass हो जाता है। यह रीले पैनल पर लगा हुआ है।

(vi). रिले QOP-2 :- यह एक सेफ्टी रिले है। यह पॉवर सर्किट के ब्लॉक नं. 2 का अर्थ फॉल्ट या बान्डिंग रीले है। जब किसी कारण से ब्लॉक नं. 2 में अर्थ फॉल्ट या बान्डिंग की घटना होती है। तब यह relay energise होकर DJ trip करा देता है और ब्लॉक नं 2 की सुरक्षा हो जाती है। जब यह रिले एनेरजाइज़ होता है तो इसका लाल टारगेट गिर जाता हैं इसका बाईपास स्विच HQOP-2 है। यह रिले पैनल पर है।

(vii). QRSI-1:- यह सिलिकॉन रेक्टिफायर ब्लॉक नंबर -1 का प्रोटेक्शन रिले है। जब किसी कारण से पावर सर्किट के ब्लॉक नंबर -1 में ओवर करंट होती है तब यह रिले energise होकर अपना upper इंटरलॉक MTDJ ब्रांच से हटा देता है। जिससे DJ ट्रिप कर जाता है और लोको की सुरक्षा हो जाती है। यह रीले पैनल पर लगा होता है।

(viii). QRSI -2 :- यह सिलिकॉन rectifier block no.2 का protection रिले है। यह एक safety relay है जब किसी कारण से power circuit के ब्लॉक नं.-2 में over current की घटना होती है, तब यह relay energise होकर अपना Upper इंटरलॉक MTDJ branch से हटा लेता है जिससे DJ ट्रिप कर जाता है और लोको की सुरक्षा हो जाती है। यह relay panel पर लगा होता है। यह एक current रिले है।

(ix). QLM :- यह main transformer का over
current protection relay है। यह एक safety रिले है। इसका current transformer TFILM है जो roof bushing में लगा हुआ है। जब किसी कारण से main transformer में over current की घटना होती है तब यह relay energise होकर अपना upper इंटरलॉक MTDJ branch से हटा लेता है जिससे DJ trip कर।जाता है और main transformer (loco) की सुरक्षा हो जाती है। जब यह energise होता ह तब इसमें लाल टारगेट दिखने लगता है। यह machinically lock होता है अर्थात् जब तक इसका लाल टारगेट दिखता रहेगा तब तक MTDJ branch में cut रहेगा और DJ बन्द नहीं होगा इसलिए इसके टारगेट को reset करना अनिवार्य है। जब तक इसके टारगेट को reset नहीं किया जाएगा तब तक MTDJ branch में कनेक्शन हटा रहेगा। यह रिले पैनल पर लगा रहता है।

(x).QOA:-
यह Auxiliary circuit का earth fault या bonding relay है। यह एक safety relay है। जब किसी कारण से auxiliary motor, आर्नो converter अथवा किसी अन्य उपकरण में अर्थ फॉल्ट या बॉण्डींग की घटना होती है तो यह relay energise होकर DJ trip करा देता है और लाल टारगेट दिखाने लगता है। इसका Bypassing switch HQOA है| QOA रिले panel पर लगा हुआ है और एक वोल्टेज रिले है।

(xi). OLA :- यह Auxiliary circuit का Over current protection relay है। यह भी एक safety relay है। जब किसी कारण से auxiliary circuit में over current की घटना होती है तब यह energise होकर DJ ट्रिप करा देता है। इसके energise होने पर लाल टारगेट दिखने लगता है। यह रीले पैनल पर लगा होता है।

(xii). Q-44:- यह GR का half notch protection relay है। जब किसी कारण से GR किसी दो notch के बीच फंस जाता है तब यह relay de- energisc होकर DJ trip करा देता है। जिससे GR की सुरक्षा हो जाती है। यह भी रिले पैनल पर लगा होता है। इस रीले में 06 सेकेण्ड का टॉइम लेग दिया गया है। अगर दो notch के बीच में 0.6 सेकेण्ड से अधिक समय
तक GR का रोलर फंस जाता है तब Q-44 De- energise हो जाता है। जब तक लोको रहता है तब तक Q-44 Energise बना रहता है। किन्तु जैसे ही यह de-energise होता है 0.6 सेकेण्ड के बाद DJ trip कर जाता है।

(xiii). Q46 :- यह GR का Full Notch का protection रिले है। जब MP " O " पर रहता है और GR किसी पूर्ण notch पर फंस जाता है जब यह रीले इनरजाइज़ होकर DJ trip करा देता है। जिससे GR की सुरक्षा हो जाएगी। यह रिले पैनल पर लगा होता है।

(xiv).रिले Q118 :- यह रिले Auxiliary Motors का protection relay हैं। Battery switch on करने के साथ ही साथ यह relay energise हो जाता है। यह एक time lag relay है जिसमें 5.6 सेकेण्ड का टॉइम लैग होता है। जब इससे संबंधित कोई auxiliary motor MVMT-1, MVMT-2, MVRH, MVSL-1, MVSL-2, MPH और उसकी रिले, आर्नो और उसकी रिले मे कोई खराबी होने से काम नहीं करते हैं। तब यह रिले 5.6 सेकंड के पश्चात De-Energies होकर DJ ओपन कर देता है।

(xv). रिले Q-119 :-
  यह कंप्रेसर के अनलोडर वाल्व (VEUL) की रिले है। कंप्रेसर के काँटेक्टर के खुले रहने पर ये रिले ENERGIES होकर अनलोडर वाल्व के एक्जॉस्ट पोर्ट को खोल देती है। यह एक टाइम लैग रिले है इसमे 5 सेकंड का टाइम लैग रहता है। यह कंप्रेशर को ऑफ लोड पर स्टार्ट कराता है। यह रिले पैनल पर लगा है।

(xvi). QRS :- ( ट्रेन पार्टिंग प्रोटेक्शन रिले) गाड़ी चलाते समय इस रिले को इनरजाइज़ रहना चाहिए। क्योंकि इसके इनरजाइज़ रहने पर ही नॉच (Notch) का प्रोग्रेशन रिग्रेशन संभव होता है। यदि B.P प्रेसर 2.0 Kg/cm२ से कम हो जाती है तो QRS रिले डी-इनरजाइज़ होकर रिले Q-51 को इनरजाइज़ कर देती है।

(xvii). रिले Q-51 :-
(ऑटो रिग्रेशन रिले) :- जब किसी कारण से ट्रेक्शन मोटर में OVER वोल्टेज होने, व्हील स्लीप होने पर, B.P प्रेसर 2.0 Kg/cm२ से ज्यादा गिरने पर या ऑटो फ्लैशर लाइट जलने पर ये रिले इनरजाइज़ होकर नॉच को घटाती है। और शून्य तक ले जाती है। जिससे लोड पार्ट होने से बच जाती है।

  
(xviii) Q-52 :- यह Notch by Notch progression एवं Regression relay है। यह एक - एक करके notch को उठाता है। इससे train part नहीं हो पाती है और GR के फंसने की संभावना नहीं रहती है। यह भी GR की सुरक्षा करता है। यह रिले पैनल पर लगा होता है।

(xix).Q-49:- यह GR का synchronizing relay है। इसका मुख्य काम multi unit loco के लिए रहता है। जब किसी कारण से multi unit के दो लोको में से किसी एक का notch फंस जाता है तब Notch फंसे हुए लोको का Q-49 रिले इनरज़ाइस हो जाता है। इससे प्रभावित लोको का Q-52 रिले भी इनरज़ाइस  हो जाता है और अंत में दूसरे लोको का Notch Progression बंद हो जाता है। इस प्रकार दोनों लोको में समान Notch बनाये रखना, Q-49  रिले की जिम्मेदारी है। यह रिले पैनल पर लगा होता है। अकेले लोको में इस रिले की कोई भूमिका नहीं है।

(xx) Q-48 :- इस रिले को Wheel slip relay कहा जाता है। जब किसी कारण से Wheel slip की घटना होती है तो Q-48 इनरज़ाइस होकर LSP की बती को जला देता है। इसके साथ ही साथ यह रिले
इनरज़ाइस होकर Automatically Notch Regression कराता है क्योंकि यह रिले Q-51  को  इनरज़ाइस कर देता है तथा Automatically Sanding भी कराता है। इस कारण Rail line पर dry sand भी गिरने लगता है और wheel slip की घटना रूक जाती है। यह रिले पैनल पर लगा हुआ होता है।

(xxi) Q-50 :- इस रिले को Traction और Braking का कंट्रोल रिले कहा जाता है। इस रिले की शाखा पर दोनों reverser एवं तीनों CTF का Auxiliary contact बैठता है। यदि उपरोक्त में से कोई भी एक उचित दिशा में सेट नहीं हो पाते हैं तो Relay Q-50 इनरज़ाइज़ नही हो पाएगा और LSB की बती भी नहीं बुझेगी। इससे Notch नही उठेगा और Total lose का संकेत प्राप्त होगा। यह रिले पैनल पर लगा होता है।

(xxii).0100:-यह Auxiliary Motor के काँटेक्टर का कंट्रोल रिले है। इस रिले के इनरज़ाइज़ होने पर Auxiliary Motor के  Electro Magnetic काँटेक्टर बंद हो जाते हैं। इसलिये लोको के इनरज़ाइज़ होने पर इस रिले का Energise होना आवश्यक होता है। अन्यथा काँटेक्टर वाले सहायक मोटर जैसे- कंप्रेसर, MVMT-1, MVMT-2 और MVRH का चलना संभव नहीं होगी। यह रिले पैनल पर लगा होता है।

*****

(xxiii). रिले Q-120 :
- यह रिले अलार्म चेन पुलिंग (ACP) सर्किट से संबंधित है। ACP क साथ यह इनरज़ाइस होकर Audio Visual संकेत देता है। इसमें टॉडम लैग होता है। यह रिले पेनल पर लगा होता है।

(xxiv). Q45 :- यह DJ का रि-सेटिंग रिले है। यह Energise होकर DJ को बंद कराता है। यह BLRDJ or BP२DJ को दबाने पर energise होता है। यह हमेशा Energise नही रहता है। BLRDJ or BP२DJ को छोड़ने के साथ ही यह रिले De-energise हो जाता है। यह रिले panel पर लगा होता है।

(xxv). QTD105 :- यह एक ON Type का time lag (time delay) relay है। इसका टाइम लेग 5 sec. का होता है। इसका कार्य MVRH एवं MVMT-1 के स्टार्ट होने में 5 सेकेण्ड का समय अंतराल उत्पन्न कराना होता है। जिससे आर्नो में starting Current बहुत ज्यादा न हा। यह कैब-2 के पीछे सहायक चालक के तरफ कोरीडोर नं. 1 में लगा रहता है।

(xxvi). QTD106 :- यह भी QTD105 की तरह टाइम Delay रिले है। इसका कार्य MVMT-1 एवं MVMT-2 के स्टार्ट होने में 5 सेकेण्ड का समय अंतराल उत्पन्न कराना होता है। यह समय अंतराल 5 सेकेण्ड का होता है। यह रिले QTD-105 के नीचे स्थित होता है।

(xxvii). रिले QWC:- यह Weight compensation अथवा weight transfer relay के नाम से जाना जाता है। इस रीले को energise करने के लिए एक toggle switch ZQWC Driving Desk पर लगा होता है। इस स्वीच को 0 से 1 notch तक ऑन कर देना चाहिए, अन्यथा QWC Relay energise नहीं होगा। QWC energise होकर केवल तीन traction motors के तीस shunting contactor को बंद कराता है। जिससे सम्बंधित Traction Motor का फिल्ड कमज़ोर होता है और सम्बंधित Armature का torque बढ़ जाता है। इस कारण wheel slip की घटना रूक जाती है। इस प्रकार Starting के समय wheel sliping होने पर यदि ZQWC switch को सही स्थिति में ऑन कर दिया जाए तो Wheel slip की घटना को रोका जा सकता है। ZQWC स्विच  केवल गुड्स लोको में लगा हुआ होता है।

(xxviii). रिले QE :- यह DBR side का safety relay है। जब किसी कारण से ATFEX अथवा Traction Motor के Inductor में over current की घटना होती है तब यह रीले इनरज़ाईज़ होकर Braking Notch को Regress करा देता है। जिससे Electrical Braking Force समाप्त हो जाता है। यह रिले पैनल पर लगा होता है।
(xxix). रिले QF-1:- यह DBR side का safety relay है।



 

रियल टाइम इन्फॉर्मेशन सिस्टम

ग्रेजुएटर (GRADUATOR) GR कार्य

  ग्रेज़ुएटर                      ग्रेज़ुएटर में 70-80 लीटर तेल डालते हैं।            यह HTC-2 में SMGR के बगल में लगा हुआ है , जो लोको में   ...

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