Wednesday, October 30, 2019

DJ (DISK JOINTER) और VCB की कार्यप्रणाली

 (1) Air Blast सर्किट ब्रेकर (ACB) or DJ.


 
  1. कार्यसिद्धान्त:-
    DJ एक servomotor द्वारा आपरेट होता है, जिसको RDJ से हवा मिलती है। DJ को बन्द करने के लिए servomotor के piston पर हवा दाहिनी तरफ से आती है और यह कार्य Electrovalve-> EFDJ के द्वारा होता है। DJ बन्द होते समय यह भी जरूरी है कि हवा पिस्टन के बॉयी तरफ से प्रवेश न हो अन्यथा DJ बन्द नही हो पायेगा अथवा DJ बन्द भी हो गया तो तुरन्त खुल जाएगा। यह कार्य Electrovalve. MTDJ के energise रहने पर ही सम्भव होता है।
    इसलिए EFDJ के साथ- साथ MTDJ को energise करना पड़ता है। DJ बन्द हो जाने के बाद पिस्टन के दाहिनी तरफ उपस्थित हवा एक्जॉस्ट पोर्ट के द्वारा बाहर निकल जाती है और EFDJ भी De-energise हो जाता है, किन्तु MTDJ, energise बना रहता है। DJ बन्द रहने पर दोनो contacts (H-1 एव H2) बन्द रहते हैं। जब BLDJ ऑफ किया जाता है तब MTDJ De-energise हो जाता है जिससे servomotor के piston पर हवा बॉयी तरफ से आ जाती है। इस कारण DJ खुल जाता है किन्तु DJ खुलते समय H-2 पहले खुलता है जो एक आग बुझाने वाले chamber में बन्द रहता है। इसके कुछ क्षण बाद H-1 खुल जाता ह₹हैं। H-1 के खुलने के बाद H-2 पुनः बन्द हो जाता है।

(2) Vacuum Circuit Breaker (VCB) का कार्य सिद्धांत -
  • VCB को बन्द करने के लिए BLRDJ switch को दबाना पड़ता है। इसस।MTDJ Electrovalve energise होकर हवा का प्रेशर रिले वाल्व में भेज देता है। रिले वाल्व आपरेट हो जाता है जिससे उसका exhaust port बन्द हो जाता है। ऐसी स्थिति में RS की हवा रिले वाल्व के माध्यम से VCB के Dual Piston के बीच चली जाती हैं इस कारण दोनो पिस्टन हेड, स्प्रिंग के टेन्शन के विरूद्व आपरेट होता है और Intrunptor के दोनो contacts बन्द हो जाते हैं तथा OHE की सप्लाई मेन टासफारमर में चली जाती है। Intrupptor क दोनो contacts (H-1एवं H-2) vacuum chamber के अन्दर बन्द होते हैं एवं खुलते हैं इस लिए इसमे DJ की तरह स्पार्क उत्पन्न नहीं होता साथ Air Blast न होने के कारण आवाज भी नहीं होती।
    **- MTDJ Electrovalve a डी-इनरज़ाइज़ होने पर पिस्टन के अन्दर का हवा रिले वाल्व के एक्जॉस्ट पोर्ट के द्वारा बाहर निकल जाती है जिससे पिस्टन में लगी स्प्रिंग इंटरूपप्टोर (Intrupptor) के दोनों कॉन्टैक्ट को खोल देती हैं। जिससे OHE की सप्लाई मैन ट्रांसफॉर्मर से समाप्त हो जाता हैं।
  • TFILM/QLM -
    यह क्यू०एल०एम० का करंट ट्रांसफॉर्मर है जो रूफ बुशिंग में सबसे ऊपर लगा रहता है।
    इसका कार्य सिद्धांत एक स्टेप अप ट्रांसफॉर्मर की तरह होता है। इसका ट्रांसफॉर्मेशन अनुपात 50:1 है। अर्थात मेन ट्रांसफार्मर के 450 Amp. के करेन्ट को 9 Amp. मे बदलकर रिले QLM को प्रदान करता है। जब मेन ट्रांसफॉर्मर में 450 Amp. से ज्यादा की धारा बहने लगती है। तब रिले QLM energise होकर डी0जे0 को खोल देता है। और मेन-ट्रान्सफार्मर की सुरक्षा करता है।

    HOM-
    लोको को ग्राऊण्डिंग करने के लिए जो उपकरण लगा है, वह HOM कहलाता है। HOM में एक हैण्डल होता है जिसे 90 डिग्री नीचे से ऊपर करने पर लोको के छत पर लगा हुआ एक अर्थिंग यंत्र  ऑपरेट होता है जिससे पैन्टो, रूफ बार तथा मेन ट्रांसफॉर्मर सभी अर्थ हो जाते है।

    मेन ट्रांसफॉर्मर
    लोको का मेन ट्रांसफॉर्मर एक ऑटो ट्रांसफॉर्मर है जिसमें एक ही बाइंडिंग होती है और 0 सहित कुल 33 टैप बने होते है। आटो ट्रांसफार्मर में प्राइमरी और सेकेन्डरी बाइंडिंग का काम एक ही winding करती है। इसमें कुल फेरो की संख्या 1040 होती है। प्रत्येक टैप पर फेरो की संख्या 30 होती है और सभी आपस में सीरीज में जडे होते है। किन्तु 80 टर्न अतिरिक्त भी लगे रहते है ताकि शार्ट सर्किट न होने पाए। मेन ट्रांसफॉर्मर को बिजली की सप्लाई पेन्टो रूफ बार एवं सर्किट ब्रेकर के माध्यम से प्राप्त होती है। आटो ट्रांसफार्मर के एनेरज़ाइज़  होने पर इन्डक्शन द्वारा TFWA को सप्लाई मिलती है। परन्तु TFP primary में सप्लाई तब जाती है जब टैप चेंजर को आपरेट करते हैं। इस प्रकार TFP प्राइमरी विभिन्न प्रकार के वोल्टेज पहुँचते है और इनडक्शन द्वारा यह सप्लाई TFP-1, आर TFP-2 सेकेन्डरी में चली जाती है।
    ट्रांसफॉर्मर टैंक के साथ कॉज़ेर्वेटर लगा होता है जिसकी सुरक्षा के लिए उपर एक सेफ्टी वाल्व लगा होता है। कन्जर्वेटर के साथ सिलिका जेल सहित ब्रीदर लगा है।
    जिससे TF-oil की Insulation अच्छे तरीक़े से maintain रहती है। सिलिका जेल का  सामान्य रङ्ग नीला रहता है। सफेद या गुलाबी होने पर यह कार्य करना बंद कर देती है। कंज़र्वेटर पर एक गेज ग्लास
    लगा होता है।

Wednesday, October 23, 2019

ICDJ में लोको पायलट के द्वारा की जाने वाली कार्यवाही

स्विच BLDJ ऑन करके BLRDJ को दबाने पर LSDJ लैंप की बत्ती नही बुझती है। अथार्त मेन सर्किट DJ क्लोज नही होता हैं। इसे ICDJ कहा जाता है।
लोको पायलट को निम्नलिखित कार्यवाही करना चाहिए।
1.सभी सेफ्टी रिले QLM, QRSI-1+2, QOA, QOP-1, QOP-2, QEMS,  QLA  की जांच करगें। यदि कोइ ट्रिप किया हुआ है तो निम्नलिखित की जांच करेंगे।
A. बैटरी वोल्टेज- 90-110 वोल्ट UBA मीटर में देखेंगे। इसका स्विच ZUBA कैब नंबर-2 मे है। यदि वोल्टेज नही है तो फ्यूज ADD. CCBA की जांच करेंगे।
यदि बैटरी वोल्टेज सही है तो
2. पेंटोग्राफ उठा होना चाहिये और OHE से सटा हुआ होना चाहिए, यदि उठा नही है तो - निम्नलिखित की जॉच करेगे।
3. RS/PR का प्रेसर 6.5Kg/cm२ से ऊपर होना देखेगे।
   PR गेज- जहाँ पर B.P, F.P, MR गेज लगा है वहाँ पर ही PR गेज लगा है।
   RS गेज - कैब-1 में मिडिल लॉकर में या कॉरिडोर में CPA।के पास  लगा रहता है।
 यदि RS/RP का प्रेसर ठीक है तो
4. स्विच - BLDJ, BLRDJ, BP१DJ, BP२DJ, ZPT को दो तीन बार ऑपरेट करेंगे।
5. रिले Q-118 की जॉच करेगे यह रिले इनरजाइज़ होना चाहिये।
    Q-118 की जॉच- HBA को 1 पोजीशन पर रखेगे और स्विच BLDJ को ऑन करके, BP२DJ को दबाकर देखेंगे।
* यदि रिले Q-118 इनरजाइज़ नही है तो यह देखेंगे कि काँटेक्टर C-118, C-105,  C-106, C-107 NCI में हो, GR-0 पर होना चाहिए।
यदि ऐसा नही है तो
 6. रिले Q-45 का इनरजाइज़ होना सुनिश्चित करेंगे। इसकी जॉच के लिए  स्विच BLDJ  ऑन करके BP२DJ को दबाकर कर देखेगें की इनरजाइज़ है कि नही। यदि रिले Q-45 इनरजाइज़ नही है तो   निम्नलिखित कार्यवाही करेगे।
 A.  फ्यूज CCBA की जांच करेंगे।
 B.  BP१DJ, BP२DJ, BLDJ, BLRDJ और ZPT को दो तीन बार ऑपरेट करेगे।
 C. GR '0' से '1' और वापस '1' से '0' तक मैन्युअल करेगे।
 D. कैब को बदलकर कर देखेंगे।
 E. रिले Q-45 को मैनुअली इनरजाइज़ करके DJ बंद करेंगे, इसे 4 सेकंड में छोड़ देंगे।
7. रिले Q-44 इनरजाइज़ होना चाहिये। Q-44 इनरजाइज़ होने की जॉच करेगे।
 रिले Q-44 की जॉच :- स्विच BLDJ ऑन करके BP२DJ दबाकर देखेंगे कि रिले Q-44 इनरजाइज़ है की नही।
 नोट- रिले Q-44 को हाथ से छूना मना है। BP२DJ , स्विच BLRDJ का विकल्प है।
 यदि Q-44 इनरजाइज़ नही है तो
 GR का मैन्युअल '0' से '10' और  '10' से '0' पर करेगे।  तब भी रिले Q-44 इनरजाइज़ नही हुआ है तो
8. काँटेक्टर C-118 की जॉच करेगें। इसके लिए स्विच BLDJ ऑन     करके BP२DJ दबाकर देखेंगे। जो कैब-2 पिछे HTC पैनल में है।
 यदि काँटेक्टर C-118 बंद नही हो रहा है तो निम्नलिखित कार्यवाही    करेगें।
 A. रिले Q-45 के प्लंजर को ऑपरेट करेंगे।
 B. रिले QCVAR के इंटरलॉक को साफ करेगें।
 C. पेंटोग्राफ को गिराकर HBA को '0' (ऑफ) करके C-118 प्लंजर को दो तीन बार चलायेंगे।
9. स्विच HQOP-1 और HQOP-2 को ऑफ करके DJ बंद करने का प्रयास करेंगे।
10. कैब को बदलकर देखेंगे।
11. अब भी सफलता नही मिले तो कंट्रोलर से रिलीफ इंजन की माँग करेगे।
12. पेंटोग्राफ को गिराकर HBA को '0' पर करके सभी MR/RS प्रेसर पूरा ड्रेन करके पुनः नए सिरे से प्रयास करें।

नोट:- बैटरी वोल्टेज की जांच करेंगे। 90-110 वोल्ट होना चाहिये।
 

Tuesday, October 22, 2019

इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव में लगे रिले का विवरण

सेफ्टी रिले
PROTECTION/SAFETY RELAYS

इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव के रिले पैनल  



Q-30 :- यह एक Low volt एव No volt relay है। यह एक protection relay के रूप में कार्य करता है। इसकी मुख्य कार्य Arno convertor और Auxiliary motors को low voltage की स्थिति में जलने से बचाना होता है। जब तक लोको Energise रहता है यह रिले Energise बना रहता है क्योंकि यह Energise रहकर Q-44 रिले को Energise रखता है। यह रिले पैनल पर लगा रहता है।

(ii). Q20:- यह Traction Motor का Over Voltage Protection relay है। यह एक voltage relay है। जब traction motor को एक निश्चित सीमा से अधिक वोल्टेज दिया जाता है तब यह रिले energise होकर notch regress करा देता है। कछ लोको में LSOV (Lamp signal over volt) की लाल बती भी जलने लगती है और Son Buzzer भी बजने लगता है। यह HTC-2 के B.A- 3.पैनल में लगा रहता है।

(iii). QD:- इसे Current Differential Relay कहा जाता है। लोको में दो QD रिले लगे हुए हैं।
QD-1 एवं QD-2
QD-1 ट्रेक्शन मोटर -2 एवं ट्रेक्शन मोटर-3 के बीच होता है जबकि QD-2 ट्रेक्शन मोटर-4 एवं ट्रेक्शन मोटर-5 के बीच लगा हुआ है I रिले QD-1 HTC-1(B.A-1) में तथा QD-2 HTC-2 में लगा हुआ है। जब किसी कारण से इन दोनो ट्रेक्शन मोटर के बीच 125Amp/150 Amp. Current का अन्तर हो जाता है तब QD-1 या QD-2 energise होकर रिले Q-48 को Energise कर देता है। जिससे अपने आप Notch Regress होने लगता है। साथ में LSP की बती भी जलती है। ऐसा लोको के चक्कों के स्लिप करने पर होता है। रिले QD-1 और QD-2 जब इनरज़ाइज़ होती है तो यह Q-48 को इनरजाइज़ करती है। रिले Q-48 तीन कार्य करने लगती है। 1.LSP लैम्प को जलायेगी। 2. रिले Q-51 के द्वारा नॉच घटाएगी। 3. 5 सेकंड तक सेन्डर के द्वारा बालू  गिरायेगी।
(iv).OCVAR :- यह एक voltage relay है। इसके दो भाग होते हैं 1. OCVAR - AC और 2. QCVAR -DC
आर्नो कन्वर्टर के सही कार्य करने पर पहले QCVAR - AC energise हो जाता है फिर OCVAR - AC की सहायता से QCVAR - DC भी energise होकर LSCHR लैंप को बुझाती है। इसका मुख्य कार्य Arno convertor के काम की जाँच करना होता है। यदि किसी कारण से आर्नो convertor काम करना बंद कर दे तो यह de-energise होकर मैन सर्किट ब्रेकर DJ को trip करा देती है। यह रिले पैनल पर लगा होता है। QCVAR - AC एवं QCVAR - DC दोनों एक साथ लगे रहते हैं। बॉयीं तरफ QCVAR - DC जबकि दायीं तरफ QCVAR - AC रहता है।

(v).QOP-1:- यह power circuit के ब्लॉक नं. 1 का earth fault relay है। जब किसी कारण से power circuit क ब्लाक न. 1 में earth फॉल्ट की घटना होती है तब यह रिले energise होकर DJ trip करा देता है। यह एक safety रिले के रूप में भी कार्य करता है। ऐसी अवस्था में इस रीले में एक red target गिर जाता है। इस रिले को Bypass करने के लिए एक knife switch HQOP-1 लगा हुआ है। इसके दो पोजीशन होते हैं - On & Off। जब तक यह ऑन पोजीशन में रहता है तब तक यह रिले service में रहता है किन्तु knife switch को ऑफ पोजीशन में रख देने से यह रिले काम से अलग अर्थात् Bypass हो जाता है। यह रीले पैनल पर लगा हुआ है।

(vi). रिले QOP-2 :- यह एक सेफ्टी रिले है। यह पॉवर सर्किट के ब्लॉक नं. 2 का अर्थ फॉल्ट या बान्डिंग रीले है। जब किसी कारण से ब्लॉक नं. 2 में अर्थ फॉल्ट या बान्डिंग की घटना होती है। तब यह relay energise होकर DJ trip करा देता है और ब्लॉक नं 2 की सुरक्षा हो जाती है। जब यह रिले एनेरजाइज़ होता है तो इसका लाल टारगेट गिर जाता हैं इसका बाईपास स्विच HQOP-2 है। यह रिले पैनल पर है।

(vii). QRSI-1:- यह सिलिकॉन रेक्टिफायर ब्लॉक नंबर -1 का प्रोटेक्शन रिले है। जब किसी कारण से पावर सर्किट के ब्लॉक नंबर -1 में ओवर करंट होती है तब यह रिले energise होकर अपना upper इंटरलॉक MTDJ ब्रांच से हटा देता है। जिससे DJ ट्रिप कर जाता है और लोको की सुरक्षा हो जाती है। यह रीले पैनल पर लगा होता है।

(viii). QRSI -2 :- यह सिलिकॉन rectifier block no.2 का protection रिले है। यह एक safety relay है जब किसी कारण से power circuit के ब्लॉक नं.-2 में over current की घटना होती है, तब यह relay energise होकर अपना Upper इंटरलॉक MTDJ branch से हटा लेता है जिससे DJ ट्रिप कर जाता है और लोको की सुरक्षा हो जाती है। यह relay panel पर लगा होता है। यह एक current रिले है।

(ix). QLM :- यह main transformer का over
current protection relay है। यह एक safety रिले है। इसका current transformer TFILM है जो roof bushing में लगा हुआ है। जब किसी कारण से main transformer में over current की घटना होती है तब यह relay energise होकर अपना upper इंटरलॉक MTDJ branch से हटा लेता है जिससे DJ trip कर।जाता है और main transformer (loco) की सुरक्षा हो जाती है। जब यह energise होता ह तब इसमें लाल टारगेट दिखने लगता है। यह machinically lock होता है अर्थात् जब तक इसका लाल टारगेट दिखता रहेगा तब तक MTDJ branch में cut रहेगा और DJ बन्द नहीं होगा इसलिए इसके टारगेट को reset करना अनिवार्य है। जब तक इसके टारगेट को reset नहीं किया जाएगा तब तक MTDJ branch में कनेक्शन हटा रहेगा। यह रिले पैनल पर लगा रहता है।

(x).QOA:-
यह Auxiliary circuit का earth fault या bonding relay है। यह एक safety relay है। जब किसी कारण से auxiliary motor, आर्नो converter अथवा किसी अन्य उपकरण में अर्थ फॉल्ट या बॉण्डींग की घटना होती है तो यह relay energise होकर DJ trip करा देता है और लाल टारगेट दिखाने लगता है। इसका Bypassing switch HQOA है| QOA रिले panel पर लगा हुआ है और एक वोल्टेज रिले है।

(xi). OLA :- यह Auxiliary circuit का Over current protection relay है। यह भी एक safety relay है। जब किसी कारण से auxiliary circuit में over current की घटना होती है तब यह energise होकर DJ ट्रिप करा देता है। इसके energise होने पर लाल टारगेट दिखने लगता है। यह रीले पैनल पर लगा होता है।

(xii). Q-44:- यह GR का half notch protection relay है। जब किसी कारण से GR किसी दो notch के बीच फंस जाता है तब यह relay de- energisc होकर DJ trip करा देता है। जिससे GR की सुरक्षा हो जाती है। यह भी रिले पैनल पर लगा होता है। इस रीले में 06 सेकेण्ड का टॉइम लेग दिया गया है। अगर दो notch के बीच में 0.6 सेकेण्ड से अधिक समय
तक GR का रोलर फंस जाता है तब Q-44 De- energise हो जाता है। जब तक लोको रहता है तब तक Q-44 Energise बना रहता है। किन्तु जैसे ही यह de-energise होता है 0.6 सेकेण्ड के बाद DJ trip कर जाता है।

(xiii). Q46 :- यह GR का Full Notch का protection रिले है। जब MP " O " पर रहता है और GR किसी पूर्ण notch पर फंस जाता है जब यह रीले इनरजाइज़ होकर DJ trip करा देता है। जिससे GR की सुरक्षा हो जाएगी। यह रिले पैनल पर लगा होता है।

(xiv).रिले Q118 :- यह रिले Auxiliary Motors का protection relay हैं। Battery switch on करने के साथ ही साथ यह relay energise हो जाता है। यह एक time lag relay है जिसमें 5.6 सेकेण्ड का टॉइम लैग होता है। जब इससे संबंधित कोई auxiliary motor MVMT-1, MVMT-2, MVRH, MVSL-1, MVSL-2, MPH और उसकी रिले, आर्नो और उसकी रिले मे कोई खराबी होने से काम नहीं करते हैं। तब यह रिले 5.6 सेकंड के पश्चात De-Energies होकर DJ ओपन कर देता है।

(xv). रिले Q-119 :-
  यह कंप्रेसर के अनलोडर वाल्व (VEUL) की रिले है। कंप्रेसर के काँटेक्टर के खुले रहने पर ये रिले ENERGIES होकर अनलोडर वाल्व के एक्जॉस्ट पोर्ट को खोल देती है। यह एक टाइम लैग रिले है इसमे 5 सेकंड का टाइम लैग रहता है। यह कंप्रेशर को ऑफ लोड पर स्टार्ट कराता है। यह रिले पैनल पर लगा है।

(xvi). QRS :- ( ट्रेन पार्टिंग प्रोटेक्शन रिले) गाड़ी चलाते समय इस रिले को इनरजाइज़ रहना चाहिए। क्योंकि इसके इनरजाइज़ रहने पर ही नॉच (Notch) का प्रोग्रेशन रिग्रेशन संभव होता है। यदि B.P प्रेसर 2.0 Kg/cm२ से कम हो जाती है तो QRS रिले डी-इनरजाइज़ होकर रिले Q-51 को इनरजाइज़ कर देती है।

(xvii). रिले Q-51 :-
(ऑटो रिग्रेशन रिले) :- जब किसी कारण से ट्रेक्शन मोटर में OVER वोल्टेज होने, व्हील स्लीप होने पर, B.P प्रेसर 2.0 Kg/cm२ से ज्यादा गिरने पर या ऑटो फ्लैशर लाइट जलने पर ये रिले इनरजाइज़ होकर नॉच को घटाती है। और शून्य तक ले जाती है। जिससे लोड पार्ट होने से बच जाती है।

  
(xviii) Q-52 :- यह Notch by Notch progression एवं Regression relay है। यह एक - एक करके notch को उठाता है। इससे train part नहीं हो पाती है और GR के फंसने की संभावना नहीं रहती है। यह भी GR की सुरक्षा करता है। यह रिले पैनल पर लगा होता है।

(xix).Q-49:- यह GR का synchronizing relay है। इसका मुख्य काम multi unit loco के लिए रहता है। जब किसी कारण से multi unit के दो लोको में से किसी एक का notch फंस जाता है तब Notch फंसे हुए लोको का Q-49 रिले इनरज़ाइस हो जाता है। इससे प्रभावित लोको का Q-52 रिले भी इनरज़ाइस  हो जाता है और अंत में दूसरे लोको का Notch Progression बंद हो जाता है। इस प्रकार दोनों लोको में समान Notch बनाये रखना, Q-49  रिले की जिम्मेदारी है। यह रिले पैनल पर लगा होता है। अकेले लोको में इस रिले की कोई भूमिका नहीं है।

(xx) Q-48 :- इस रिले को Wheel slip relay कहा जाता है। जब किसी कारण से Wheel slip की घटना होती है तो Q-48 इनरज़ाइस होकर LSP की बती को जला देता है। इसके साथ ही साथ यह रिले
इनरज़ाइस होकर Automatically Notch Regression कराता है क्योंकि यह रिले Q-51  को  इनरज़ाइस कर देता है तथा Automatically Sanding भी कराता है। इस कारण Rail line पर dry sand भी गिरने लगता है और wheel slip की घटना रूक जाती है। यह रिले पैनल पर लगा हुआ होता है।

(xxi) Q-50 :- इस रिले को Traction और Braking का कंट्रोल रिले कहा जाता है। इस रिले की शाखा पर दोनों reverser एवं तीनों CTF का Auxiliary contact बैठता है। यदि उपरोक्त में से कोई भी एक उचित दिशा में सेट नहीं हो पाते हैं तो Relay Q-50 इनरज़ाइज़ नही हो पाएगा और LSB की बती भी नहीं बुझेगी। इससे Notch नही उठेगा और Total lose का संकेत प्राप्त होगा। यह रिले पैनल पर लगा होता है।

(xxii).0100:-यह Auxiliary Motor के काँटेक्टर का कंट्रोल रिले है। इस रिले के इनरज़ाइज़ होने पर Auxiliary Motor के  Electro Magnetic काँटेक्टर बंद हो जाते हैं। इसलिये लोको के इनरज़ाइज़ होने पर इस रिले का Energise होना आवश्यक होता है। अन्यथा काँटेक्टर वाले सहायक मोटर जैसे- कंप्रेसर, MVMT-1, MVMT-2 और MVRH का चलना संभव नहीं होगी। यह रिले पैनल पर लगा होता है।

*****

(xxiii). रिले Q-120 :
- यह रिले अलार्म चेन पुलिंग (ACP) सर्किट से संबंधित है। ACP क साथ यह इनरज़ाइस होकर Audio Visual संकेत देता है। इसमें टॉडम लैग होता है। यह रिले पेनल पर लगा होता है।

(xxiv). Q45 :- यह DJ का रि-सेटिंग रिले है। यह Energise होकर DJ को बंद कराता है। यह BLRDJ or BP२DJ को दबाने पर energise होता है। यह हमेशा Energise नही रहता है। BLRDJ or BP२DJ को छोड़ने के साथ ही यह रिले De-energise हो जाता है। यह रिले panel पर लगा होता है।

(xxv). QTD105 :- यह एक ON Type का time lag (time delay) relay है। इसका टाइम लेग 5 sec. का होता है। इसका कार्य MVRH एवं MVMT-1 के स्टार्ट होने में 5 सेकेण्ड का समय अंतराल उत्पन्न कराना होता है। जिससे आर्नो में starting Current बहुत ज्यादा न हा। यह कैब-2 के पीछे सहायक चालक के तरफ कोरीडोर नं. 1 में लगा रहता है।

(xxvi). QTD106 :- यह भी QTD105 की तरह टाइम Delay रिले है। इसका कार्य MVMT-1 एवं MVMT-2 के स्टार्ट होने में 5 सेकेण्ड का समय अंतराल उत्पन्न कराना होता है। यह समय अंतराल 5 सेकेण्ड का होता है। यह रिले QTD-105 के नीचे स्थित होता है।

(xxvii). रिले QWC:- यह Weight compensation अथवा weight transfer relay के नाम से जाना जाता है। इस रीले को energise करने के लिए एक toggle switch ZQWC Driving Desk पर लगा होता है। इस स्वीच को 0 से 1 notch तक ऑन कर देना चाहिए, अन्यथा QWC Relay energise नहीं होगा। QWC energise होकर केवल तीन traction motors के तीस shunting contactor को बंद कराता है। जिससे सम्बंधित Traction Motor का फिल्ड कमज़ोर होता है और सम्बंधित Armature का torque बढ़ जाता है। इस कारण wheel slip की घटना रूक जाती है। इस प्रकार Starting के समय wheel sliping होने पर यदि ZQWC switch को सही स्थिति में ऑन कर दिया जाए तो Wheel slip की घटना को रोका जा सकता है। ZQWC स्विच  केवल गुड्स लोको में लगा हुआ होता है।

(xxviii). रिले QE :- यह DBR side का safety relay है। जब किसी कारण से ATFEX अथवा Traction Motor के Inductor में over current की घटना होती है तब यह रीले इनरज़ाईज़ होकर Braking Notch को Regress करा देता है। जिससे Electrical Braking Force समाप्त हो जाता है। यह रिले पैनल पर लगा होता है।
(xxix). रिले QF-1:- यह DBR side का safety relay है।



 

Sunday, October 20, 2019

रिले और उसके प्रकार तथा इंटरलॉक

रिले (Relay)
यह एक ऐसा यंत्र है जो किसी इलेक्ट्रिकल आपरेशन जैसे सर्किट में वोल्टेज करेन्ट की मात्रा, किसी उपकरण का ठीक-ठीक काम करना अथवा किसी आपरेशन का एक कमबद्ध तरीके से जाँच करने के लिए लगा हुआ है। यह काम relay, energise या De-energise होकर करता है । यह भी रिमोट कन्ट्रोल होता है । इसके मुख्य रूप से दो भाग होते है।
मैकेनिकल डिवाईस तथा एक्जीलरी कॉन्टेक्ट।

 Relay मुख्यत दो प्रकार के होते है।

A. इलेक्ट्रीकल रिले (Electrical Relay)
1. वोल्टेज रिले (Voltage Relay):- Q-20. Q-30. QOP-1. QOP-2, QOA,  QCVAR
2. करंट रिले (Current Relay)- QLM, QRSI-1 & 2, QLA, QE, QF-1&2, QD -1&2 


B. मेकैनिकल रिले (Mechanical Relay)
1. Pressure Relay/Switch:- प्रेसर रिले निम्नलिखित हैं।

   QPDJ, RGEB, RGCP, RGAF, SWC, P1, P2
2. Circulation Relay :- यह दो तरह के होते है।
I. Air Circulation Relay:-
QVMT1-2, QVRH,  QVSL-1& 2, QVSI-1& 2,  QVRF
ii. Oil Circulation Relay:- QPH

Electric लोको में निम्नलिखित प्रकार के Relay लगे हुए है।

1. सेफ्टी रिले (Safety Relay) :- वह रिले जिनका auxiliary contact MTDJ branch पर लगा होता है और संबंधित सर्किट में किसी प्रकार की खराबी होने पर energise होकर अपने auxiliary contact (interlock) के माध्यम से MTDJ branch की सप्लाई काट देता है , सेफ्टी रिले कहलाता है । साधारणत सभी सेफ्टी रिले में लाल
टारगेट लगा रहता है, जो उसके energise होने पर ड्राप कर जाता है। केवल  (QLM relay में मेकेनिकल लॉक उपलब्ध है। ) इसलिए लाल टारगेट रिसेट किये बिना उसका interlock MTDJ branch पर नहीं बैठता है । सभी सेफ्टी रिले कैब -2 में ALP की तरफ लॉकर में अवस्थित है । जैसे- QLM, QRSI, QOP,  QOA/QSIT

2. कन्ट्रोल रिले (Control Relay):- जो रिले किसी उपकरण के कार्य का नियंत्रण करता है कन्ट्रोल रिले कहलाता है। जैसे-Q100

3. ऑक्सीलियारी रिले(Auxiliary Relay):- वह रिले जो दूसरे रिले की सहायता करता है आकजीलरी रिले कहलाता है। जैसे Q-118, रिले Q-44 का आक्जीलरी रिले है।
4. टाईम डिले रिले-आन टाईप रिले-QTD-105, QTD-106, QTD-101, और QSVM
5. टाईम लैग रिले-ऑफ टाईप रिले-Q-118, Q-119, Q-44 और PR-1


रिले के प्रकार( (Types of Relay)

लोको में निम्नलिखित प्रकार के रिले लगे हुए हैं। 

1. ABB/BBC टाईप रिले-
इस प्रकार के रिले में हरी तथा लाल रंग का LED लगी होती है। यदि हरे रंग की LED जलती है तब यह रिले इनरजाइज़ के लिए तैयार है और जब लाल रंग की LED जल जाती है तब रिले कस कॉइल इनरजाइज़ समझा जाएगा।

2. Woama टाईप रिले- इस प्रकार के रिले में केवल हरी LED लगी होती हैं। यदि हरी LED जलती है तो यह energise समझा जाएगा।
3.Cornet टाईप रिले:
- लाल LED के फ्लिकर करने पर यह रिले energise से De-energise अवस्था में माना जाएगा ।
4.English Electric टाईप रिले:- यह रिले energise होने पर इसमें लगा हुआ मोबाईल कॉन्टेक्ट लिवर दबाने पर नहीं दबेगा।

रिले वेज करने का तरीका

कोई भी रिले वेज करने के पहले डीजे खोलकर पेन्टो लोवर करके बैटरी ऑफ कर देना चाहिए ।
एवीबी / बीबीसी टाईप- मोवाईल कॉन्टेक्ट आर्म को सुटेबल वुडेन वेज की सहायता से energise अवस्था में वेज करने के लिए मोबाईल कॉन्टेक्ट आर्म और टॉप प्लेट के बीच लगाइए , परन्तु De-energise अवस्था में वेज करने के लिए मोबाईल कॉन्टेक्ट आर्म और बेस प्लेट के बीच लगाना चाहिए।

वोमा टाईप- कुछ वोमा टाईप रिले में नॉब लगा है, जिसे क्लाकवाइज घुमाने पर, वह रिले energisc अवस्था में वेज हो जाएगा। यदि नॉब नहीं उपलब्ध है। तब कॉन्टेक्ट होल्डर दबाकर सुटेबल वेज लगाने से रिले वेज हो जाएगा।

कॉमेट टाईप- ऐसे रिले को energise अवस्था में वेज करने के लिए सबसे पहले लाकींग नॉब को दाहीनी तरफ खींचकर वेजींग नॉब क क्लाकवाइज दिशा में घुमा दे। यह रिले De-energise अवस्था में वेज नहीं होता है।

इंग्लिश इलेक्ट्रीक टाईप ऐसे रिल को वेज करने के लिए आर्मेचर और
प्लंजर के बीच सटेबल वेज लगाये और सुनिश्चित करें कि रिले के डी-एनेरजाइज़ अवस्था मे वेज हो गया है।
*****

नोट:- Q44, Q-45, Q-46, Q-48, Q-49, Q-52 रिले को वेज नही किया जा सकता है।
Q-50, Q-100, Q-118, QCON, QSVM, QTD-101, PR-1 रिले को आवश्यकता पड़ने पर energise अवस्था में wedge किये जा सकते है।

इंटरलॉक्स
लोकोमोटिव के सभी आपरेशन एक उचित कम में हो, इस कार्य के लिए इंटरलॉक का व्यवहार होता है । अर्थात आपरेशनल सिक्वेन्स को ठीक से कराने के लिए जो अरेन्जमेंन्ट किये गये हैं, इंटरलाक कहलाते हैं । रिले के इंटरलॉक दो प्रकार के होते हैं।
1 अण्डर इटरलोक (Normally Open Interlock):- यह इंटरलॉक्
रिले के De-energise,अवस्था में रहने पर खुले रहते हैं. और रिले के Energisc अवस्था में रहने पर बंद रहते हैं ।
2. अपर इंटरलाक (Normally Close Interlock):- यह इटरलोक रिले के Energise अवस्था में रहने पर खुले रहते हैं, और रिले के De-energise अवस्था में रहने पर बंद रहते हैं ।

 
नोट:-  यदि रिले या काँटेक्टर De-Enerzies रहता हैं तो उसका NCI (Normally Close Interlock) सर्किट को जोड़कर रखता है। लेकिन उसका NOI (Normally Open Interlock) सर्किट को खोल कर रखता है।
किंतु रिले या काँटेक्टर Enerzies होता हैं तो उसका NCI (Normally Close Interlock) सर्किट को काट देता है और उसका NOI (Normally Open Interlock) सर्किट को जोड़ देता है।
 
.

Thursday, October 17, 2019

आर्नो कन्वर्टर युक्त लोको में लगे पैडल स्विच (दोनो कैब मे)

PSA स्विच :- MPJ को फारवर्ड या रिवर्स में करके PSA पैडल स्विच को दबाने पर सेंडर वाल्व (VESA) कार्य करता है।
PVCD स्विच :- प्रत्येक 60 सेकंड में एक बार दबाकर VCD को AKNOWLEDGE किया जाता हैं।
PVEF स्विच :- बी.पी प्रेसर गिरने पर इसे दबाकर सिंनक्रोनाईज़िंग ब्रेक लगना रोकते हैं। यदि B.P प्रेसर 1.8 Kg/cm२ से ज्यादा गिरने पर यह स्विच (PVEF) काम नहीं करेगा।

Tuesday, October 15, 2019

इलेक्ट्रिक लोको के कैब-1 में लगे उपकरणों की सूची

1. BPP :- EEC कंट्रोल के वक्त NOTCH बढ़ाने के लिए।
2. BPR :- EEC कंट्रोल के वक्त NOTCH घटाने के लिए।
3. BPT :- PILOT लैंप  LSP/LSRSI  की जांच करने के लिए।
4. BPWC :- 10 NOTCH तक व्हील स्लिप में NOTCH REGRADATION रोकने के लिए।
5. BPSW :- B.P प्रेशर  जल्दी से चार्ज करने के लिए (A9 रिलीज़ करने पर)
6. SW :- ऑटो फ्लैशर लाइट और AFL बजर बंद करने के लिए।
7. BPQD :-  10 NOTCH तक व्हील स्लिप में NOTCH REGRADATION रोकने के लिए।(केवल माइक्रोप्रोसेसर युक्त लोको में लगा है।
8. ZLC :- कैब लाइट स्विच हैं।
9. ZLDD :- ड्राइवर डेस्क पर लाइट का स्विच हैं।
10. ZLDA :- असिस्टेंट ड्राइवर डेस्क पर लाइट का स्विच है।
11. ZQWC :-  BPQWC की तरह कार्य करता है।
12. ZCPA :-  बेबी कंप्रेशर (MCPA) चलाने का स्विच हैं।
13. MP :-   मास्टर कन्ट्रोलर ट्रैक्शन/DBR के समय NOTCH घटाने और बढ़ाने के लिये।
14. MPJ :- रिवर्सर का REVERSOR (J1/J2) को फारवर्ड रिवर्स में सेट करने के लिए।
15. MPS :-  शंटिंग NOTCH लेने के लिए【24 NOTCH के बाद शंटिंग NOTCH लेना चाहिए】
16. ZPT-1/2:- आगे या पीछे कर पेंटोग्राफ को उठाने या गिराने के लिए।
इसके अलावा
1. सोन बजर:-  ट्रैक्शन मोटर में OVER वोल्टेज होने पर बजता हैं। असिस्टेंट लोको पायलट के तरफ कैब फैन के नीचे (दोनो कैब मे) हैं।
2. AFL/ALP :-  ACP या ऑटो फ्लैशर लाइट सर्किट एक्टिव होने पर बजता हैं। (दोनो कैब में)
 

Monday, October 14, 2019

स्टेटिक कनवर्टर में लगे नए रिले

आजकल स्टेटिक कन्वर्टर की अधिक उपयोगिता के कारण इसे आर्नो कन्वर्टर के बदले इलेक्ट्रिक लोको में लगाया जा रहा है। अतः इसमे कुछ नए रिले भी लगे है।
1.रिले QCON

ये रिले , रिले पैनल या रिले पैनल के पीछे दीवाल पर लगी रहती है। ये स्टेटिक कन्वर्टर की काम की जांच करती है। ये वोल्टेज सेंसर के द्वारा एनेरज़ाइएज़ होकर LSCHBA(बैटरी चार्जर लैंप) को बुझाती है। इसके एनेरज़ाइएज़ होने पर ही कम्प्रेसर का चलना संभव होता है। इसको आवश्यकता पड़ने पर एनेरज़ाइएज़ अवस्था में वेज़ कर सकते हैं।



2. रिले QTD


यह रिले पैनल पर या रिले पैनल के पीछे दीवाल पर लगी रह सकती है। इसमें 5 सेकंड का टाइम डिले है। यदि BLCPA या BLCPD स्विच "ON" है तब यह रिले QCON रिले के एनेरज़ाइएज़ होने के 5 सेकंड बाद एनेरज़ाइएज़ होती है। इसके एनेरज़ाइएज़ होने पर ही कंप्रेसर काम करेंगे। QTD रिले को आवश्यकता पड़ने पर एनेरज़ाइएज़ अवस्था मे वेज़ किया जा सकता है।

अथार्त रिले QCON और रिले QTD101 , कंप्रेशर को अन्य ऑक्सीलियरी मोटरों से बाद में चलाती है।

नोट:- रिले QCON या रिले QTD101 को वेज़ करने पर LSCHBA(बैटरी चार्जर लैंप) बुझने के 15 सेकंड बाद BLCPA (कंप्रेशर का स्वीच) "ON" करेगे।



3.रिले QSVM


यह रिले ब्लोअर मोटर के कॉन्टैक्टर C105, C106, C107 को ऑफ लोड में बंद कराती है। इसमे 2 सेकंड का टाइम डिले है। DJ ऑन करने के बाद BLVMT को ऑन करने पर ऑक्सीलियरी कॉन्टैक्टर को ON लोड आपरेशन से बचाने के लिए  SIV बन्द होकर  2 सेकंड बाद पुनः इस रिले के द्वारा स्टार्ट होता है।

इस रिले के एनेरज़ाइएज़ होने के लिए निम्नलिखित शर्त है।

1. CCA फ्यूज ठीक होना चाहिए।

2. DJ क्लोज हिना चाहिए।

3.BLVMT,(ब्लोअर मोटर का स्वीच) "ON"होना चाहिये।

4.बैटरी वोल्टेज 60 बोल्ट से ज्यादा होना चाहिए।



4.रिले QSIT


यह रिले दो तरह की हो सकती है।

1.टारगेट वाली रिले QSIT:- इसमे LSSIT लैंप नही होती हैं।

2.प्लंजर टाइप रिले QSIT:- इसमें LSSIT लैंप है।

SIV फिटेड लोको में यह रिले ऑक्सीलियरी पावर सर्किट की सेफ्टी रिले है। ऑक्सीलियरी पावर सर्किट में काज उपकरणों में आये ओवर करेंट या अर्थ फाल्ट की घटना होने पर ये सेंसर के द्वारा एनेरज़ाइएज़ होती हैं और MTDJ ब्रांच पर लगे यह रिले अपने NCI(नॉर्मली क्लोज्ड इंटरलॉक) को खोलकर DJ ट्रिप कराती है। पायलट लैंप LS-SIT को जलाती है।

यदि QSIT रिले टारगेट वाली है तो टारगेट गिराती है। जिससे लोको की सुरक्षा हो जाती है।

रिले QSIT के द्वारा लोको के ट्रिप का संदेश  माइक्रोप्रोसेसर डिस्प्ले यूनिट और SIV के पैनल पर लगे स्क्रीन पर देखा जा सकता है।

इलेक्ट्रिक लोको में इलेक्ट्रो मेग्नेटिक काँटेक्टर

                               इलेक्ट्रो मेग्नेटिक काँटेक्टर का डायग्राम

काँटेक्टर एक विशेष तरह का स्विच हैं। यह लोको में लगे किसी लोड को रिमोट के मुताबिक ऑक्सीलियारी सर्किट अथवा पावर सर्किट से संबंध करता हैं। काँटेक्टर, कंट्रोल सर्किट की 110 वोल्ट डीसी सप्लाई से रिमोट कंट्रोलड होता है। इसकी मदद से हाई वोल्टेज सर्किट को नियंत्रित किया जाता हैं।
कार्य पध्दति के अनुसार Contactor चार प्रकार के होते हैं।
1. इलेक्ट्रो मैग्नेटिक काँटेक्टर (EMC)
2. इलेक्ट्रो न्युमेटिक काँटेक्टर (EPC)
3. ड्रम काँटेक्टर (DRUM CONTACTOR)
4. कैम काँटेक्टर (CAM CONTACTOR)

1. इलेक्ट्रो मैग्नेटिक काँटेक्टर (EMC):-
 यह काँटेक्टर लोको में उपस्थित विभिन्न 3 फेज़ AC ऑक्सीलियारी मोटरों को संचालित (स्टार्ट) करने के लिए लगाए गए हैं। सभी इलेक्ट्रो मैग्नेटिक काँटेक्टर एलेक्ट्रिक लोको के कैब-2 के काँटेक्टर पैनल (TK पैनल) पर लगे हुए हैं। C-118 को छोड़ कर। इन काँटेक्टर को ओपन या क्लोज्ड करने के लिए 110 वोल्ट डीसी सप्लाई का उपयोग किया जाता हैं। इलेक्ट्रो मैग्नेटिक काँटेक्टर में एक एक कंट्रोल coil होती है। जब 110 वोल्ट बैटरी की सप्लाई इस COIL को दी जाती हैं तब इसमे मैगनेट उत्पन्न हो जाता है इसलिए यह कॉइल आर्मेचर को अपनी तरफ आकर्षित करता है। जिसके कारण ड्राइव मैकेनिज्म के द्वारा काँटेक्टर का मोबाइल जॉ ऑपरेट हो जाता हैं।
मोबाइल जॉ के फिक्स्ड जॉ कांटेक्ट से सटने के कारण तीनो कांटेक्ट की 3 फेज़ सप्लाई काँटेक्टर से संबंधित ऑक्सीलियारी मोटर तक पहुँच जाती हैं। संबंधित ऑक्सीलियारी मोटर चालू हो जाते है। लोको में लगे इलेक्ट्रो मैग्नेटिक काँटेक्टर  C-101, C-102, C-103, C-105, C-106, C-107, C-118 और C-108 है।
काँटेक्टर C-118 को इलेक्ट्रो-न्युएमेटिक काँटेक्टर के रूप में कुछ लोको में लगाया जा रहा है तक यह HTC-2 में काँटेक्टर C-145 के पास या शंटिंग के पास लगा होगा।

2. इलेक्ट्रो-न्युएमेटिक काँटेक्टर (EPC):-
सभी लाइन काँटेक्टर- L-1, L-2, L-3, L-4, L-5, L-6  शंटिंग काँटेक्टर C-145 और DJ/VCB इलेक्ट्रो- न्युएमेटिक काँटेक्टर हैं।

ऐसे काँटेक्टर ट्रैक्शन पावर सर्किट में लगाये गए है। इलेक्ट्रो- न्युएमेटिक काँटेक्टर को ओपन या क्लोज्ड करने के लिए बिजली और एयर का उपयोग किया जाता था। इसके लिए बैटरी की सप्लाई तथा कंप्रेस्ड हवा ली जाती हैं। जब काँटेक्टर के कॉइल को बिजली की सप्लाई दी जाती है तो यह कॉइल मैगनेटाइज़ेड होकर हवा का रास्ता खोल देती हैं। और एयर प्रेसर यह काँटेक्टर क्लोज्ड हो जाते है। इस प्रकार के कॉन्टैक्टर का ड्राइविंग मैकेनिज्म बिजली की सप्लाई तथा एयर प्रेसर होता है। इस प्रकार के कॉन्टैक्टर में इलेक्ट्रो-न्यूमेटिक वाल्व लगी रहती है। EP वाल्व के पास EP कट-आउट कॉक खुला रहने से एयर का प्रेसर जो पहले से उपलब्ध रहता है। इलेक्ट्रो न्यूमेटिक वाल्व (Electro Pneumatic valve)  के इनरजाइज़ होने पर इसका एक्जॉस्ट पोर्ट बंद हो जाता है और यह वाल्व एयर के प्रेसर को सर्वोमोटर के पिस्टन पर भेजता है। जिसके कारण कॉन्टैक्टर बंद हो जाता है। करंट की सप्लाई (EP-वाल्व में) काटने पर कंप्रेस्ड एयर प्रेसर  सर्वोमोटर (Servo-Motor) में जाना बंद हो जाता है।  जिसके कारण EP-वाल्व का एग्जॉस्ट (Exhaust) पोर्ट खुल जाती हैं, और सर्वोमोटर (Servo-Motor) के पिस्टन पर रुकी हुई हवा (एयर)  एग्जॉस्ट (Exhaust) पोर्ट से बाहर निकल जाती हैं। जिससे कॉन्टैक्टर (Contactor) खुल (open) हो जाते है।


3. ड्रम कन्टेक्टर (DRUM CONTACTOR)

 

ये Contactor ड्रम के आकार के बने होते है। जो सर्वोमोटर में भेजी गई हवा के अनुसार ऑपरेट होते है। इस प्रकार के Contactor का Driving Mechanism ई० पी० वाल्व के माध्यम से कार्य करता है। इसके अन्दर दो ई0 पी0 वाल्व लगे होते है। इसमें
12 फिक्स कॉन्टैक्ट होते है तथा कुल 6 मोबाईल कॉन्टैक्ट होते है जो एक ड्रम जैसी आकृति पर लगे होते है। इस ड्रम के मुवमेंट से ये कॉन्टेक्ट खुलते और बंद होते है। सभी कॉन्टैक्ट कापर के बने होते हैं और इसका operation off load पर होता है।अर्थात् जब GR “O” पर होता है तब ऐसे कॉन्टेक्टर को ऑपरेट किया जाता है। इसीलिए ऐसे कॉन्टेक्टर के साथ आर्क चूट नही लगे हुए है। ड्रम कान्टैक्टर को मैनुअली आपरेट करने के लिए इसमें एक ऑपरेटिगं हैंडल लगा होता है। इसमें एक लॉक पिन भी लगी होती है। ये भी हाई टेन्शन Compartment में लगे होते हैं।
उदाहरण :- Reversor J1, J2 , CTF-1+2+3
Note:- J-1 J-2 में लॉकिंग key होता है। जब लोको डेड किया जाता है तब दोनो Reversor को neutral position में रखकर लॉक कर दिया जाता है।
4.कैम कॉन्टैक्टर(CAM-CONTACTOR) 
यह एक मेकैनिकल कॉन्टैक्टर है। इस तरह के कॉन्टैक्टर का ड्राइविंग मैकेनिज्म एक घूमाने वाला यंत्र रहता है। ऐसे कॉन्टैक्टर में एक शैफ्ट पर एक से ज्यादा कैम बने होते है। कैम के चलने से या मूवमेंट से कॉन्टैक्टर खुलते और बंद होते है। ऐसे कॉन्टैक्टर हाई टेंशन सप्लाई में लगे हुए रहते है।  जैसे - CGR-1, CGR-2, CGR-3।




भारतीय रेल के लोको में लगे RTIS क्या होते हैं?

#RTIS :
(Real Time Information System)


भारतीय रेल द्वारा गाड़ियों की तत्काल (करेंट) लोकेशन का पता लगाने एवं समयपालन को मॉनिटर करने के लिये इस सिस्टम को अपनाया गया है जिसके तहत लोको में एक डिवाइस लगाई गई है जिसे #RTIS नाम दिया गया है।

इस #RTIS डिवाइस में मुख्यतः दो भाग होते है :

■ Indoor Unit
    IRN (India Rail Navigator)
    लोको कैब में
■ Outdoor Unit
    RMT (Rail MSS Terminal)
    लोको की छत पर

■ Indoor Unit :

यह यूनिट लोको की कैब में लगाई गई है तथा इस यूनिट के तीन मुख्य भाग है :

◆ DPE
(Display Processing Engine)
यह कम्प्यूटर स्क्रीन की तरह ही एक छोटी टच स्क्रीन है जिसका उपयोग मॉनिटर की तरह किया जाता है। इसके दायीं तरफ एक लाल रंग की LED लगी है जिसे हमेशा प्रकाशित रहना अनिवार्य है।

◆ PMU
(Power Management Unit)
यह यूनिट DPE स्क्रीन के पीछे की तरफ लगा रहता है। इसमें बैटरी की 110 वोल्ट DC सप्लाई आती है जिसे यह 12 वोल्ट DC में बदलकर सिस्टम को देता है। इस यूनिट में पीछे की तरफ तीन हरे रंग की LED लगी है जिसे हमेशा प्रकाशित रहना अनिवार्य है।

◆ ICM
(Integrated Communication Module)
यह यूनिट भी DPE स्क्रीन के पीछे की तरफ PMU के साथ जुड़ी रहती है। इस यूनिट को PMU से 12 वोल्ट DC सप्लाई मिलती है तथा इसमें कुल चार डाटा केबल लगे रहते है जो आउटडोर यूनिट से जुड़े रहते है।

■ Outdoor Unit :

यह यूनिट लोको की छत पर (जिस कैब में इंडोर यूनिट लगा हो उसके ऊपर) लगा है जिसमें एक हरे रंग का LED हमेशा प्रकाशित रहती है।
यह एक ही यूनिट की होती है तथा इसके अंदर निम्न महत्वपूर्ण सिस्टम लगे हुए है :

◆ Mobile Satellite Service (MSS) Transceiver Module
◆ Secondary GPS Receiver
◆ Antina for all Module (like MSS, GPS, 4G-1, 4G-2, ZigBee)

MCB :

PMU को 110 वोल्ट DC बैटरी की सप्लाई एक MCB द्वारा दी जाती है जो WAP4 लोको में TB पैनल पर तथा WAP5 एवं WAP7 लोको में कैब के अनुसार SB बॉक्स में लगी हुई है।
जैसे, यदि  PMU लोको के कैब-1 में हो तो यह SB1 में लगी होगी।
इसी प्रकार यदि  PMU लोको के कैब-2 में हो तो यह SB2 में लगी होगी।
यह MCB हमेशा "ऑन" रहनी चाहिये। यदि DPE स्क्रीन के दायीं तरफ लगी लाल LED नही जलती हो तो इस MCB को चेक करनी आवश्यक है। यदि RTIS के सिस्टम में कोई खराबी आ जाती है तो इस MCB को "ऑफ" कर देनी चाहिये।

RTIS की कार्यप्रणाली :

यह यूनिट तीन नेटवर्क (MSS सेटेलाइट मीडिया, एयरटेल 4G मोबाइल नेटवर्क एवं वोडाफोन 4G मोबाइल नेटवर्क) द्वारा CRIS, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली से जुड़ा हुआ है। इसे आगे भविष्य में चौथा नेटवर्क ZigBee  (वाई-फाई) से भी जोड़ने का प्लान है।
इन नेटवर्कों द्वारा भेजे गये सिगनल CRIS/नई दिल्ली में मॉनिटर होते है जिससे लोको/गाड़ी की करेंट लोकेशन का पता चलता रहता है तथा कंट्रोल ऑफिस में ट्रेन चार्ट ऑटो अपडेट्स होता रहता है तथा विभिन्न मोबाइल एप के माध्यम से गाड़ी की सही जानकारी आम जनता तक पहुँचती है।

लोको पायलट के लिये निर्देश :

गाड़ियों की प्रारंभिक स्टेशन/समाप्ति स्टेशन या जिस स्टेशन पर ट्रैक्शन बदली हो, लोको विफलता या अन्य कारणों से लोको बदलने की आवश्यकता हो, उस स्टेशन पर लोको पायलट द्वारा निम्न कार्य करना अनिवार्य है :

लोको पायलट द्वारा DPE स्क्रीन को छूने मात्र पर डिस्प्ले चालू हो जाता है अर्थात यह DPE स्लीप मोड से एक्टिव मोड में आ जाता है। डिस्प्ले पर दायीं ओर नीचे की तरफ User id, Password तथा Login के ऑप्शन बॉक्स दिखाई देंगे।
स्क्रीन के सबसे ऊपर दायीं तरफ दो "कीबोर्ड" क्रमशः कम्प्यूटर और मोबाइल के आइकॉन दिखाई देंगे जिसे क्लिक/टच करने पर मनचाहा "कीबोर्ड" स्क्रीन पर प्रदर्शित होगा जिसके जरिये User id, Password भरकर Login करना होगा।
Login करने पर स्क्रीन पर निम्न मैसेज बॉक्स प्रदर्शित होगा :

● Start/End Journey
● Emergency message
● Monitor
● Logout

● Start/End Journey :

Start/End Journey के मैसेज बॉक्स की क्लिक/टच करने पर निम्न मैसेज बॉक्स प्रदर्शित होगा :

~ Start Journey
~ End Journey

~ Start Journey :

गाड़ी के स्टार्टिंग स्टेशन या गाड़ी के लोको बदलने पर लोको पायलट द्वारा Start Journey बॉक्स को क्लिक/टच करने पर Train No, Start date, Submit तथा एक कैलेंडर प्रदर्शित होगा जिसे लोको पायलट द्वारा सही-सही भरकर Submit करना अनिवार्य है।
Submit बॉक्स को क्लिक/टच करते ही उस गाड़ी का डाटा CRIS/नई दिल्ली को मिलना चालू हो जायेगा जिससे CRIS को उस गाड़ी की सभी जानकारी मिलनी प्रारम्भ हो जायेगी।

~ End Journey :

गाड़ी के गन्तव्य स्टेशन पर पहुँचने या गाड़ी के लोको बदलने पर लोको पायलट द्वारा End Journey बॉक्स को क्लिक/टच करते ही RTIS यूनिट के सिस्टम से Start Journey के जरिये भरे गये गाड़ी नम्बर स्वतः डिलीट हो जायेगा तथा CRIS कार्यालय को इसकी सूचना मिल जायेगी।

नोट :

Start Journey तथा End Journey ऑप्शन पर डाटा भरने के बाद Logout ऑप्शन पर अवश्य क्लिक/टच करें।

विशेष :

उपरोक्त फीचर के अलावा इस सिस्टम में लोको पायलट द्वारा कुछ आपातकालीन मैसेज देने का भी प्रावधान किया गया है जिसके द्वारा लोको पायलट सीधे CRIS/नई दिल्ली को अपना मैसेज भेज सकते है।
लोको पायलट द्वारा स्क्रीन पर User id, Password भरकर Login करने पर स्क्रीन के दायीं तरफ चार ऑप्शन बॉक्स प्रदर्शित होता है जिसमें ऊपर से दूसरे ऑप्शन बॉक्स में "Emergency Message" लिखा आता है। इस "Emergency Message" वाले ऑप्शन बॉक्स को क्लिक/टच करने पर निम्न मैसेज ऑप्शन बॉक्स प्रदर्शित होता है :

★ RUN OVER
★ OHE Related
★ De_railment
★ Engine Related
★ Coach/Wagon Related
★ Infringment
★ Track Related
★ Un_usual Occurence
★ Other

उपरोक्त ऑप्शन मैसेज में जिस संबंध में मैसेज भेजना हो तो उस ऑप्शन पर क्लिक/टच करते ही एक खाली बॉक्स तथा SEND का ऑप्शन बॉक्स प्रदर्शित होगा। खाली बॉक्स में "कीबोर्ड" के जरिये अधिकतम 40 शब्दों का मैसेज टाइप कर SEND बॉक्स पर क्लिक/टच करते ही मैसेज सीधे CRIS/नई दिल्ली को चला जायेगा।

ABB इलेक्ट्रिक लोको में PTDC क्या है ?




ABB लोको में

 *PTDC (न्यूमेटिक टाइम डिपेंडेन्ट कंट्रोलर) :*

 
ABB लोको में जब कभी भी ब्रेक इलेक्ट्रॉनिक्स फेल हो जाये तो लोको में लगे PTDC की मदद से ब्लॉक सेक्शन क्लियर किया जाने का प्रावधान है।

PTDC उपकरण में कुल तीन पोजिशन क्रमशः OFF, रिलीज तथा अप्लाई के होते है जो इसके हैंडिल द्वारा ऑपरेट होते है।

सामान्यतया यह PTDC अपने नार्मल पोजिशन OFF पर रहता है जब लोको का ब्रेक इलेक्ट्रॉनिक्स कार्यरत हो।

लोको के ब्रेक इलेक्ट्रॉनिक्स काम न करने की दशा में इसका रिलीज तथा अप्लाई पोजिशन काम करता है।

इस PTDC के सेटअप के लिये निम्न कार्यवाही करेंगे :

★ DJ ओपन करें।
★ पैंटो गिरायें।
★ कंट्रोल इलेक्ट्रॉनिक्स को ऑफ करें।
★ SB2 में लगे न्यूमेटिक पैनल के MCB 127.7 को ट्रीप कर दें।
★ VCD का MCB 127.15 का ऑन होना सुनिश्चित करें।
★ न्यूमेटिक पैनल पर लगे PERCOS स्वीच को क्षैतिज से लम्बबत कर दें।
★ लोको को इनरजाइज करें।
★ A9 के हैंडिल को वर्किंग कैब में RUN पर तथा ननवर्किंग कैब में FS पर लॉक करें।
★ BPFA स्वीच को दबाकर फॉल्ट को एक्नॉवलेज करें।

अब BP प्रेशर 5.0 kg/cm2 लाने के लिये PTDC हैंडिल को रिलीज पोजिशन पर करें जिससे BP प्रेशर 5.0 kg/cm2 हो जायें।

यदि ब्रेक सिलेंडर प्रेशर जीरो '0' न हो तो लोको के DV से प्रेशर रिलीज करें।
यदि DV से रिलीज न हो तो न्यूमेटिक पैनल पर लगे 20TP और 16TP को दबाकर लोको के ब्रेक सिलेंडर के प्रेशर को रिलीज करें।

अब अधिकतम 10 KMPH की गति से ब्लॉक सेक्शन क्लियर करें और मदद की मांग करें।

PTDC हैंडिल को अप्लाई पोजिशन पर करने से गाड़ी में ब्रेक लगेगा और गाड़ी खड़ी होगी।
पुनः इसे रिलीज पोजिशन पर करने से BP प्रेशर 5.0 kg/cm2 बन जाता है जो गाड़ी कार्य करने के लिये जरूरी है।

नोट :
A9 का इमेरजेंसी पोजिशन सदैव कार्यरत रहेगा चाहे PTDC कार्यरत ही क्यों न हो।

अतएव कभी भी आवश्यकतानुसार A9 के इमेरजेंसी पोजिशन पर करके गाड़ी को रोका जा सकता है।

DJ (DIS JOINTER) का क्लोज्ड न होने पर आवश्यक कार्यवाही

    DJ क्लोज न होना (ICDJ) इलेक्ट्रिक लोको में यह सबसे आम और आवश्यक समस्या है। 
निम्नलिखित कार्यवाही करनी चाहिए।

1. बैटरी वोल्टेज 85 वोल्ट से कम नहीं होना चाहिये।

2. बैटरी वोल्टेज ''0'' दर्शाने पर एडीशनल CCBA फ्यूज/सर्किट ब्रेकर का सही होना सुनिश्चित करें, मेल्ट/ट्रिप होने पर बदलें या रिसेट करें।

3.PR/ER/AR/RS प्रेशर 6.5 kg/cm2 से अधिक होना चाहिये. यदि कम है तो MCPA चलाकर प्रेशर बढ़ाकर पुनः डीजे क्लोज करें।

4.VCB युक्त लोको पर डीजे बॉक्स के नीचे गेज (उपलब्ध होने पर) में प्रेशर का 5.4 kg/cm2  होना सुनिश्चित करें।

5. CCDJ   फ्यूज का सही होना सुनिश्चित करें। (माइक्रोप्रोसेसर लोको में नहीं)

6.रिले Q118, Q45, Q44, डीजे क्वाईल का आपरेशन चेक करें। (माइक्रोप्रोसेसर लोको में नहीं)

7. न्यूट्रल सेक्‍शन के बाद डीजे क्लोज न होने पर आर-1 कॉक का खुला होना सुनिश्चित करें।

8. सफलता न मिलने पर एक बार लोको ग्रांउड कर लो टेंशन (LT) में डीजे क्लोज करने का प्रयास करें। सफलता मिलने पर पुन एचटी में डीजे क्लोज करें।

विशेष- अब एयर सर्किट ब्रेकर समाप्‍त हो गये हैं। केवल वैक्यूम वाले DJ  ही लगाये जा रहे हैं, जो पृथक पृथक रूप के हो सकते हैं।

ICDJ (IMPOSSIBLE TO CLOSE DJ)

BLDJ "ON" रहने पर BLRDJ दबाने पर LSDJ का लैंप नही बुझता है। इस घटना को "ICDJ' कहते है।
      *** ICDJ ***Impossibility to Close DJ (Dis Jointer)
अर्थात,
DJ के बन्द होने की असंभावना

जब लोकोपायलट DJ क्लोज करना चाहता है पर DJ क्लोज नही हो पाता/ DJ क्लोज नही रह पाता है तो ऐसी संभावना ही ICDJ कहलाती है।

DJ एक हाई वोल्टेज/हाई स्पीड इलेक्ट्रोन्यूमैटिक कांट्रेक्टर है जो लोको की छत पर लगा होता है।

DJ क्लोज होने के लिये आवश्यक शर्ते :
■ MTDJ के क्वायल को इनरजाइज होना
■ OHE की सप्लाई वोल्टेज के साथ रहना
■ एयर प्रेशर का रहना

DJ क्लोज होने के निम्न आवश्यक को इनरजाइज होने का क्रम निम्नलिखित प्रकार से है। :-
◆ Q118
◆ Q45
◆ Q44
◆ C118
◆ EFDJ
◆ MTDJ

अर्थात,
DJ क्लोजिंग कंट्रोल सर्किट में DJ क्लोज के लिये कुल तीन रिले क्रमशः Q118, Q45 तथा Q44,
कुल दो वाल्व क्रमशः EFDJ तथा MTDJ और एक कॉन्टैक्टर C118 का इनरजाइज होना क्रम से अनिवार्य है।

नोट :
DJ क्लोज हो जाने पर कांट्रेक्टर C118 (आर्नो के काम करने के बाद) तथा रिले Q45 (BLRDJ को छोड़ने पर) तथा इलेक्ट्रोवाल्व EFDJ (BLRDJ को छोड़ने पर) डी-इनरजाइज हो जाता है।

तथा,

DJ क्लोज रहने पर रिले Q118, Q44 और इलेक्ट्रोवाल्व MTDJ इनरजाइज रहता है।
                    
         ।।।।।।। । *रिले Q118***  ।।।।।।।।

**Q118 रिले***: ऑक्जिलरी सर्किट प्रोटेक्शन रिले हैं।


यह ऑक्जिलरी सर्किट का प्रोटेक्शन करता है तथा इसे DJ क्लोज करने में सबसे पहले इनरजाइज होना अनिवार्य है।
इस रिले के इनरजाइज होने पर ही MTDJ वाल्व इनरजाइज होता है।

रिले Q118 के इनरजाइज होने की शर्तें :

बैटरी का वोल्टेज 90 वोल्ट से ऊपर होनी चाहिये।
◆ बैटरी का स्वीच HBA पोजिशन '1' पर होनी चाहिये।
◆ फ्यूज CCBA, एडिशनल CCBA तथा CCPT ठीक होने चाहिये।
◆ कांट्रेक्टर C118, C105, C106 तथा C107 ओपन होने चाहिये।
◆ GR अपने '0' पोजिशन पर होने चाहिये।

रिले Q118 के इनरजाइज होने की कुल तीन रास्ता (path) है :
● इनिशियल पाथ :
    जब ब्लोअर BLVMT पोजिशन ऑफ पर हो।
● मेन्टेनिंग या इनरजाइजिंग पाथ :
    जब ब्लोअर BLVMT पोजिशन ऑन पर हो।
● बायपास पाथ :
    डायरेक्ट ऑक्जिलरी मोटर जैसे MPH, MVSI1, MVSI2, MVSL1 तथा MVSL2 को उसके स्विच क्रमशः HPH, HVSI1, HVSI2, HVSL1 तथा HVSL2 से बायपास करके।

रिले Q118 में 5.6 सेकण्ड का टाइम लेग आर्नो को चलने के लिये दिया हुआ है जिसके कारण BLVMT स्वीच ऑन करने पर भी ब्लोअर 5 सेकण्ड के बाद ही चलता है।

यदि रिले Q118 इनरजाइज नही हो पा रहा है तो इस रिले को इनरजाइज अवस्था में वेज किया जा सकता है बशर्ते कि रिले Q118 के इनरजाइज होने की सभी आवश्यक शर्ते पूरी हो।
परन्तु इस रिले को वेज करने पर सभी ऑक्जिलरी मोटर की सुरक्षा बाधित रहेगी जिसे स्वयं सुरक्षा देना होगा, क्योंकि यह रिले सभी ऑक्जिलरी मोटर का प्रोटेक्शन रिले है।

इस महत्वपूर्ण रिले अर्थात Q118 को वेज करने पर DJ क्लोज करते समय BLVMT ब्लोअर के स्वीच को ऑन करना अनिवार्य है। इसके बाद पुश बटन स्वीच BP2DJ को दबा कर DJ क्लोज करेंगे तथा तबतक इस स्वीच को दबाकर रखेंगे जबतक पायलट लैम्प LSCHBA की बत्ती बुझ न जायें।
पायलट लैम्प LSCHBA की बत्ती बुझने पर पुश बटन स्वीच BP2DJ को छोड़ देना चाहिये।

याद रहें,
रिले Q118 के वेज कर DJ क्लोज करते समय BLVMT को ऑन रखना सबसे महत्चपूर्ण  है।


*कांट्रेक्टर C118*


   ***C118 कांट्रेक्टर*** :-
 आर्नो का स्टार्टिंग फेज कांट्रेक्टर
C118 कांट्रेक्टर, स्वीच BLRDJ को प्रेस करने पर रिले Q45 के इनरजाइज होने पर इनरजाइज होता है जब इसके क्वायल में सप्लाई जाती है तथा इसके इनरजाइज होने से पायलट लैम्प LSCHBA की बत्ती बुझने पर आर्नो चालू होता है और पायलट लैम्प LSDJ की बत्ती बुझने पर DJ क्लोज होता है।

कांट्रेक्टर C118 आर्नो के चालू हो जाने (लगभग 4 सेकण्ड) के पश्चात स्वयं डी-इनरजाइज हो जाता है परन्तु आर्नो को चालू करने में इसके इनरजाइज होने की भूमिका अति आवश्यक है।

कांट्रेक्टर C118 का इस्तेमाल केवल 4 सेकण्ड तक का है तथा इसको किसी भी अवस्था मे वेज नही करना है।

यदि किसी कारण से कांट्रेक्टर C118 इनरजाइज नही हो पाता है तो इसके प्लंजर और उसके मोबाइल जॉ को दो-तीन बार मैनुअली ऑपरेट करके इनरजाइज होना देख सकते है या फिर रिले Q45 के NOI/रिले QCVAR के NCI को साफ करके इनरजाइज होना देख सकते है।

बीमारी ICDJ सीरीज का सबसे बड़ा ट्रबल और पॉवर फेल होने का कारण कांट्रेक्टर C118 का इनरजाइज न होना हो सकता है।


****इलेक्ट्रो वाल्व MTDJ****

एयर ब्लास्ट सर्किट ब्रेकर टाइप DJ में प्रयुक्त इलेक्ट्रो वाल्व MTDJ (मेन्टेनिंग डिस जॉइंटर),

जब लोपा BLRDJ को प्रेस (केवल 4 सेकण्ड तक) करके रखते है तब इलेक्ट्रो वाल्व EFDJ/MTDJ चालू होता है।

DJ क्लोज होने के लिये इलेक्ट्रोवाल्व EFDJ तथा MTDJ दोनों का इनरजाइज होना जरूरी है परन्तु DJ क्लोज होने के पश्चात EFDJ के इनरजाइज रहने की कोई आवश्यकता नही रह जाती है इसलिये यह वाल्व स्वयं डी-इनरजाइज हो जाता है तथा केवल MTDJ इलेक्ट्रोवाल्व के द्वारा DJ क्लोज बना रहता है।

इलेक्ट्रोवाल्व MTDJ के इनरजाइज होने की शर्तें :

रिले Q44 इनरजाइज होना चाहिये।
■ कोई भी सेफ्टी रिले (QLM, QRSI1, QRSI2, QOP1, QOP2, QOA,  QLA) इनरजाइज नही होने चाहिये।
■ RS प्रेशर 4.5 kg/cm2 से ज्यादा होना चाहिये ताकि रिले QPDJ इनरजाइज रह सकें। क्योंकि यह रिले 4.5 kg/cm2 से नीचे के प्रेशर पर ड्रॉप करता है।


***रिले Q45***

** Q45 रिले ****: 

DJ का रि-सेटिंग रिले हैं।
BLRDJ प्रेस करने पर इनरजाइज होने वाला रिले

यह रिले तबतक इनरजाइज रहेगा, जबतक लोपा BLRDJ को प्रेस (केवल 4 सेकण्ड तक) करके रखते है।
इस रिले को इनरजाइज होने से कांट्रेक्टर C118 का क्वायल तथा रिले Q44  इनरजाइज होता है जिससे क्रमशः आर्नो और EFDJ/MTDJ चालू होता है।

DJ क्लोज होने के पश्चात EFDJ डी-इनरजाइज हो जाता है तथा MTDJ इनरजाइज रहता है।

रिले Q45 को इनरजाइज करने के लिये निम्न प्रक्रिया आवश्यक है :

■ बैटरी का स्वीच HBA पोजिशन '1' पर करेंगे।
■ बेबी कम्प्रेशर का स्वीच ZCPA ऑन पोजिशन पर करेंगे।
■ बेबी कम्प्रेशर का चलना सुनिश्चित करेंगे।
■ RS प्रेशर को 6.5 kg/cm2 से ऊपर बनायेंगे।
■ BL बॉक्स को अनलॉक करेंगे।
■ पैंटो स्वीच ZPT को पोजिशन '1' या '2' पर रखेंगे।
■ BLDJ स्वीच को ऑन करेंगे।
■ BLRDJ स्वीच को प्रेस करेंगे।


रिले Q45 के इनरजाइज होने की शर्तें 
फ्यूज CCDJ ठीक होनी चाहिये।
◆ स्वीच BP1DJ दबा नही होने चाहिये।
◆ पैंटो स्वीच ZPT पोजिशन '1' या '2' पर होने चाहिये।
◆ स्वीच BLDJ ऑन होने चाहिये।
◆ स्वीच BLRDJ प्रेस होने चाहिये।

यदि रिले Q45 इनरजाइज नही हो पा रहा है तो इस रिले को इनरजाइज अवस्था में दबा कर DJ को क्लोज (पायलट लैम्प LSCHBA की बत्ती बुझने तक) किया जा सकता है।

पायलट लैम्प LSCHBA की बत्ती बुझते ही आर्नो काम करने लगेगा तथा रिले Q45 स्वयं स्वतः डी-इनरजाइज हो जायेगा तथा OHE की सप्लाई मिलते ही रिले Q30 के इनरजाइज होने से इस रिले Q30 के जरिये रिले Q44 को करेन्ट मिलता रहता है और यह इनरजाइज रहता है।

पायलट लैम्प LSCHBA की बत्ती बुझने पर रिले Q45 को जो दबाकर वेज किये थे, उसे छोड़ देना चाहिये।


****इलेक्ट्रो वाल्व EFDJ****

एयर ब्लास्ट सर्किट ब्रेकर टाइप DJ में प्रयुक्त इलेक्ट्रो वाल्व EFDJ (इफेक्टिव डिस जॉइंटर),

जब लोपा BLRDJ को प्रेस (केवल 4 सेकण्ड तक) करके रखते है तब इलेक्ट्रो वाल्व EFDJ चालू होता है।

DJ क्लोज होने के लिये इलेक्ट्रोवाल्व EFDJ तथा MTDJ दोनों का इनरजाइज होना जरूरी है परन्तु DJ क्लोज होने के पश्चात EFDJ के इनरजाइज रहने की कोई आवश्यकता नही रह जाती है इसलिये यह वाल्व स्वयं डी-इनरजाइज हो जाता है तथा केवल MTDJ इलेक्ट्रोवाल्व के द्वारा DJ क्लोज बना रहता है।


***रिले Q44****

Q44 रिले : GR प्रोटेक्शन रिले है।

GR के हॉफ नॉच या बिट्वीन नॉच का प्रोटेक्शन करने वाला रिले हैं।

इस रिले को इनरजाइज होने के लिये रिले Q45 को इनरजाइज होना आवश्यक है।

रिले Q44 को इनरजाइज होने की शर्तें :


◆ बैटरी का वोल्टेज 90 वोल्ट से ऊपर होनी चाहिये।
◆ बैटरी का स्वीच HBA पोजिशन '1' पर होनी चाहिये।
◆ फ्यूज CCBA, एडिशनल CCBA तथा CCPT ठीक होने चाहिये।
◆ रिले Q45 और Q118 इनरजाइज होने चाहिये।
◆ GR अपने '0' पोजिशन पर होने चाहिये।

रिले Q44 के इनरजाइज होने की कुल तीन रास्ता (path) है :

● इनिशियल पाथ :
    जब ब्लोअर BLVMT पोजिशन ऑफ पर हो।
● मेन्टेनिंग या इनरजाइजिंग पाथ :
    जब ब्लोअर BLVMT पोजिशन ऑन पर हो।
● बायपास पाथ :
    डायरेक्ट ऑक्जिलरी मोटर जैसे MPH, MVSI1, MVSI2, MVSL1 तथा MVSL2 को उसके स्विच क्रमशः HPH, HVSI1, HVSI2, HVSL1 तथा HVSL2 से बायपास करके।

रिले Q44  में 0.6 सेकण्ड का टाइम लेग GR को दो नॉच के बीच में न फँसने के लिये दिया हुआ है।

रिले Q44 को किसी भी अवस्था मे वेज नहीं किया जाता है।

यदि किसी कारण से रिले Q44 इनरजाइज नही हो पाता है तो MC (मैन्युअल कंट्रोल) हैंडल से 10 नॉच ऊपर तथा 10 नॉच नीचे करने पर फँसा हुआ GR '0' किया जा सकता है।


1.सभी सेफ्टी रिले की जांच करेंगे। QLM, QOP  बैटरी वोल्टेज  90-110 VOLT की जांच ZUBA के द्वारा करेगे। 2.पेंटोग्राफ का उठा होंना की जांच करेगे। यदि नही उठा रहे तो 3. RS/PR के एयर प्रेसर 6.5KG/cmπ का होना सुनिचित करेगे।

रियल टाइम इन्फॉर्मेशन सिस्टम

ग्रेजुएटर (GRADUATOR) GR कार्य

  ग्रेज़ुएटर                      ग्रेज़ुएटर में 70-80 लीटर तेल डालते हैं।            यह HTC-2 में SMGR के बगल में लगा हुआ है , जो लोको में   ...

MOST LIKELY